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भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार राजस्थान पुलिस, AI, नए कानूनों और जीरो डेथ रोडमैप पर बनाई नई रणनीति 

राजस्थान के जयपुर में राजस्थान पुलिस का राज्य स्तरीय सम्मेलन 2025 संपन्न में नए कानून, एआई, साइबर अपराध, महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा और सड़क सुरक्षा पर गहन चर्चा हुई. 

भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार राजस्थान पुलिस, AI, नए कानूनों और जीरो डेथ रोडमैप पर बनाई नई रणनीति 
जयपुर में राजस्थान पुलिस का राज्य स्तरीय सम्मेलन 2025 संपन्न हुआ.

Rajasthan News: राजस्थान पुलिस ने जयपुर की पुलिस अकादमी में एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया. यह कार्यक्रम 2025 का राज्य स्तरीय पुलिस सम्मेलन था जो ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से हुआ. थीम थी "उत्कृष्टता के साथ पुलिसिंग- आगे की राह". यहां पुलिस अधिकारियों ने तकनीक न्याय और सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गहन बातचीत की.

मुख्य अतिथि महानिदेशक पुलिस प्रशिक्षण एवं यातायात अनिल पालीवाल ने कहा कि पुलिसिंग में तकनीक और इंसानी भावनाओं का सही तालमेल जरूरी है. उन्होंने भगवद्गीता के श्लोक "इच्छति-जानति-करोति" का जिक्र कर समझाया कि इच्छा ज्ञान और कर्म से ही सफलता मिलती है. 

नए कानूनों से आएगी न्याय में तेजी

सम्मेलन का पहला सत्र नए आपराधिक कानूनों पर केंद्रित था. महानिरीक्षक पुलिस इंटेलिजेंस प्रफुल्ल कुमार ने इन कानूनों की बारीकियां बताईं. उन्होंने कहा कि अब सजा की बजाय न्याय पर जोर है. हर प्रक्रिया के लिए समय की सीमा तय की गई है. जीरो एफआईआर का नियम लागू हो गया है जिसमें पुलिस खुद से मामला दर्ज कर सकती है.

बुजुर्गों की पूछताछ की उम्र सीमा 65 से घटाकर 60 साल की गई है. गंभीर अपराधियों को हथकड़ी लगाने की इजाजत मिली है. अपराध से कमाई गई संपत्ति को नाम पर करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है जो इसे बड़ा अपराध बनाता है. 

पुलिस के लिए नई ताकत और खतरा

दूसरा सत्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैट जीपीटी डीप फेक और इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर था. महानिरीक्षक पुलिस एससीआरबी अजय पाल लांबा ने एआई के फायदे गिनाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने एआई की मदद से 3000 से ज्यादा गुमशुदा बच्चों को ढूंढा. यातायात चालान जैसे कामों में भी एआई उपयोगी है.

उप महानिरीक्षक पुलिस साइबर अपराध विकास शर्मा ने चेतावनी दी कि अगले दो-तीन साल में एआई नहीं सीखा तो पुलिस पिछड़ जाएगी. 

महिलाओं और कमजोरों की सुरक्षा में नए कदम

तीसरा सत्र महिलाओं बच्चों और कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों पर था. एडीजी सिविल राइट्स लता मनोज कुमार और पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण राशि डोगरा ने मजबूत रिएक्शन सिस्टम बनाने की बात की.

नए कानूनों में इन अपराधों के लिए अलग चैप्टर 5 जोड़ा गया है. पोक्सो ई-बॉक्स जैसे ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल बढ़ाना चाहिए. पीड़िता के बयान महिला मजिस्ट्रेट या महिला कर्मी की मौजूदगी में लेने का नियम है. 

सड़क सुरक्षा: जीरो मौत का लक्ष्य

चौथा सत्र सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर केंद्रित रहा. एडीजी यातायात बी.एल. मीणा ने चिंता जताई कि राजस्थान में सड़क हादसों से मौतें (10-11 हजार) हत्याओं से 4-5 गुना ज्यादा हैं.

डीसीपी यातायात सुमित मेहरडा ने बताया कि मौतें कम करने के लिए एनएचएआई और पीडब्लूडी की मदद से 1100 अवैध कट बंद किए गए. 1250 साइन बोर्ड लगाए गए हैं. 2318 ब्लैक स्पॉट्स में से 2084 को ठीक कर दिया गया है.

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