Jyoti Mirdha vs Hanuman Beniwal: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान नागौर लोकसभा सीट काफी चर्चाओं में रही. वहीं नागौर सीट से बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) और आरएलपी प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) मैदान में थे. इस वजह से यह सीट हॉट सीट बन गई थी. हालांकि, चुनाव परिणाम में हनुमान बेनीवाल की जीत हुई है. जबकि ज्योति मिर्धा को लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव में शिकस्त देने में कामयाब रहे. हालांकि, ज्योति मिर्धा ने अभी भी हार नहीं माना है. अब ज्योति मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए खुली चुनौती दी है.
ज्योति मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल से कहा है कि एक बार अकेले चुनाव लड़ा था तब जमानत जब्त हो गई थी. लेकिन अब कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस की बैसाखियां लेकर सामने आ रहे हो, अगर हिम्मत है तो अखेले चुनाव लड़ कर दिखाओ.
लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है- ज्योति मिर्धा
नागौर लोक सभा सीट पर आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को पराजित किया है. लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी रही ज्योति मिर्धा ने ऐलान किया है की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि नागौर में वही घोड़े और वही मैदान मौजूद है, जहां नागौरवासियों के हितों की लड़ाई जारी रहेगी.
ज्योति मिर्धा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में साढ़े 5 लाख मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया है. यानी बड़ी संख्या में जनता ने भाजपा और पीएम मोदी की नीतियों पर विश्वास जताया है. भले ही हम चुनाव हार गए हैं, लेकिन हमने विरोधियों को कड़ी टक्कर दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा को वोट देने वाले साढ़े पांच लाख मतदाता निराश नहीं हो, बल्कि लोकसभा क्षेत्र में उनके कोई काम नहीं रुकेंगे और तत्परता से लोगों के काम किए जाएंगे. क्योंकि सरकार अपनी है. अपनी सरकार पर विश्वास रखिएगा, जो भी काम आप कहेंगे उसे पूरा किया जाएगा.
नागौर में बनाएंगे फॉर्म हाउस
अपने नागौर स्थित मकान को बेचने की चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि वे कहीं नहीं जाने वाली, बल्कि इससे भी बड़ा मकान या फार्म हाउस नागौर में ही बनाएंगे. ताकि यहीं रहकर अपने विरोधियों की छाती पर मूंग दलने का काम करेंगे.
बीजेपी में घुटनों के बल आएंगे हनुमान बेनीवाल
ज्योति मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि उनका अकेले चुनाव लड़ने का कोई अस्तित्व नहीं है. 2014 में बेनीवाल ने अकेले चुनाव लड़ा था तो उनकी जमानत जप्त हो गई थी. उन्हें अपनी खुद की पार्टी होने के बावजूद कभी कांग्रेस की बैसाखियों की जरुरत पड़ती है, कभी बीजेपी के बैसाखियों की जरूरत पड़ती है. उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी यानी हनुमान बेनीवाल घुटनों के बल चलकर भाजपा में शामिल होंगे. वह आज भी चाहते हैं कि किसी तरह से भाजपा से तालमेल बिठाकर शामिल हो जाए, लेकिन यह जनता उनका खेल समझ चुकी है.
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