
Sawai Madhopur News: सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर टाईगर रिजर्व में एक माह से भी कम समय में एक सात साल के कार्तिक सुमन और रेंजर देवेन्द्र चौधरी को मौत के घाट उतारने वाली बाघिन कनकटी उर्फ अन्वी को आखिरकार कैद कर लिया गया है. वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को बाघिन को ट्रैंकूलाइज कर भिड़ नाका में बने एंक्लोजर में छोड़ा दिया गया, अब संभवतया अपनी ज़िन्दगी के कुछ साल बाघिन को एंक्लोजर में ही गुजारने पड़ेंगे और एनटीसीए के निर्णय के बाद बाघिन का भविष्य तय होगा कि उसे कैद में ही रहना पड़ेगा या स्वच्छंद जिन्दगी मिल सकेगी.
कुतलपुरा गांव में घुस गई थी बाघिन
रणथंभौर नेशनल पार्क से निकलकर शुक्रवार को बाघिन कुतलपुरा गांव के एक खेत में आ गया थी, जिससे ग्रामीणों का कलेजा मुंह को आ गया. ग्रामीणों ने घरों की छतों पर चढ़कर बाघिन से अपनी जान बचाई. कुतलपुरा गांव में बाघिन के आने की सूचना के बाद हुई ग्रामीणों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुंडेरा तथा कोतवाली थाना पुलिस को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. वन विभाग की टीम ने खेत में घुसकर जैसे ही बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया, वैसे ही बाघिन ने खेत से एक बार फिर छलांग लगाई और पास ही बने एक होटल में घुस गई.
वन विभाग ने मुश्किल से किया था ट्रैंकूलाइज
ऐसे में वन विभाग की टीम का बाघ को ट्रैंकूलाइज करने का प्रयास विफल हो गया. बाघिन के होटल में घुसने से होटल कर्मी और पर्यटक दहशत में आ गए. पर्यटकों ने कमरे में घुसकर अपनी जान बचाई. उसके बाद वन विभाग की टीम ने एक बार फिर प्रयास किया और बड़ी मशक्कत के बाद बाघ को ट्रैंकूलाइज किया. इसके बाद वन विभाग की टीम ने ऐरोहेड टी-84 की मादा शावक कनकटी उर्फ अन्वी को भिड़ नाका में बने एंक्जोलर में ले जाकर छोड़ दिया.
दो लोगों का उतार चुकी मौत के घाट, एक वन रक्षक को किया था घायल
बाघिन कनकटी ने एक माह में दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया.16 अप्रैल को बाघिन ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर से दर्शन कर लौट रहे एक सात साल के मासूम कार्तिक को मार दिया और उसके बाद 11 मई को रेंजर देवेंद्र चौधरी को अपना शिकार बनाया था. इससे पूर्व जोगीमहल क्षेत्र में एक वन रक्षक पर हमला किया था, जिसमें वन रक्षक मामूली घायल हुआ था.
ऐसे में खूंखार बाघिन अब भी किसी पर हमला कर सकती है, इन संभावनाओं को देखते हुए वन विभाग ने बाघिन को ट्रैंकूलाइज किया और भिड़ नाका में बने एनक्लोजर में छोड़ दिया. अब देखने वाली बात यह है कि कथित आदमखोर कनकटी उर्फ अन्वी बाघिन को एनक्लोजर में कितने दिनों रहना पड़ेगा. इसके बाद इसे आजादी मिलेगी या शेष जीवन कैद में ही गुजारना पड़ेगा.
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