
Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में पीपलोदी स्कूल हादसे के बाद सरकार ने सरकारी भवनों की स्थिति पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. कोटा की सांगोद विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए अब विजिलेंस जांच होगी. ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने जिला कलेक्टर को पीडब्ल्यूडी के नेतृत्व में विजिलेंस टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं. यह टीम पिछले कुछ वर्षों में हुए निर्माण कार्यों की गहन जांच करेगी, खासकर उन स्कूलों की, जिनके भवन 5-7 साल में ही जर्जर हो गए हैं.
स्कूलों में घटिया निर्माण का खुलासा
ऊर्जा मंत्री नागर ने सांगोद क्षेत्र के उरना, खजूरना, खोदियाखेड़ी, नरसिंहपुरा, जांगलियाहेड़ी, मोहनपुरा, कोटबावड़ी, बंजारा बस्ती, मंगलपुरा, आवां, किशोरपुरा, लाडपुरा, गुजरियाहेड़ी, जुगलपुरा, गोपालपुरा और सावन भादो गांवों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कई स्कूलों का निरीक्षण किया.
खजूरना के एक स्कूल में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अनुशंसा पर पावर ग्रिड के सीएसआर फंड से 38 लाख रुपये में बन रहे भवन में गंभीर खामियां पाई गईं. फर्श एक फीट नीचे धंसा हुआ था और उखाड़ने पर पता चला कि सीमेंट का उपयोग ही नहीं हुआ. नए निर्माण में भी कॉलम में गैप और फ्लोर में मलबा भरा हुआ मिला. ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई गई.
उरना स्कूल की छत लटकी, बच्चे खतरे में
उरना गांव के स्कूल में छत का एक हिस्सा टूटा हुआ था और सरिए बाहर निकले थे. 6 इंच की जगह 4 इंच की छत डाली गई थी, जिसमें 12 एमएम के बजाय 8 एमएम के सरिए इस्तेमाल हुए. बच्चे बाहर खुले में पढ़ने को मजबूर हैं. आंगनबाड़ी भवन की स्थिति भी खराब मिली.
अनुपस्थित शिक्षक पर कार्रवाई
खजूरना स्कूल में एक शिक्षक के आपदा राहत ड्यूटी के बाद से अनुपस्थित होने की शिकायत पर मंत्री ने तुरंत जिला कलेक्टर को फोन कर शिक्षक को निलंबित करने के निर्देश दिए.
आगे की कार्रवाई
मंत्री नागर ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा. जर्जर भवनों और भ्रष्टाचार की जांच के लिए विजिलेंस टीम जल्द काम शुरू करेगी.
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