Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने सुशासन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. बुधवार को मंत्रिमंडल ने 'राजस्थान जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश, 2025' को मंजूरी दे दी है. यह अध्यादेश राज्य के 11 कानूनों में मामूली और तकनीकी उल्लंघनों के लिए दिए गए जेल के प्रावधानों को खत्म कर देगा, उनकी जगह केवल आर्थिक दंड (जुर्माना) लगाने का रास्ता खोलेगा. यह फैसला सीधे तौर पर राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस (Ease of Doing Business) को बढ़ाने और आम नागरिक के लिए ईज ऑफ लिविंग (Ease of Living) सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि यह पहल केंद्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023 पर आधारित है. इसका मुख्य लक्ष्य अदालतों में मुकदमों के बोझ को कम करना, छोटे उद्योगों को इंस्पेक्टर राज से बचाना और उन नागरिकों को राहत देना है जो अनजाने में छोटी-मोटी प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर देते हैं.
किन 11 कानूनों से हटी जेल की सजा?
इस अध्यादेश के लागू होने के बाद, 11 राज्य कानूनों में मामूली उल्लंघनों के लिए सजा (जेल) के प्रावधान समाप्त हो जाएंगे. इनमें से कुछ प्रमुख कानून और उनके तहत आने वाले मामले निम्नलिखित हैं, जिन पर अब केवल जुर्माना लगेगा:-
1. वन अधिनियम (Forest Act):
धारा 26(1)(ए) के तहत वन भूमि में अनजाने में मवेशी चराने पर 6 माह तक कारावास या ₹500 तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान था. अब कारावास का प्रावधान हटा दिया गया है. केवल जुर्माना लगाया जाएगा और वन को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति देनी होगी. इस संशोधन से खासकर उन आदिवासियों और ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी, जो अनजाने में अपने मवेशियों के साथ वन भूमि में प्रवेश कर जाते थे और उन पर आपराधिक मामले दर्ज हो जाते थे.
2. औद्योगिक इकाई अधिनियम (Industrial Units Act):
राज्य से सहायता प्राप्त करने वाले उद्योगों के प्रभारी पर बहीखाते या दस्तावेज निरीक्षण के लिए प्रस्तुत न करने जैसे मामूली प्रक्रियात्मक अपराधों के लिए भी कारावास का प्रावधान था. इन आपराधिक प्रावधानों को हटाकर अब केवल अर्थदण्ड तक सीमित कर दिया गया है. यह कदम छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) को कानूनी जटिलताओं से बचाएगा, जिससे वे बेखौफ होकर अपना कारोबार बढ़ा सकेंगे और इंस्पेक्टर राज के भय से मुक्त होंगे.
3. जयपुर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड अधिनियम (Jaipur Water Supply and Sewerage Board Act):
पानी की बर्बादी, गैर-घरेलू कार्यों के लिए उपयोग, सीवरेज लाइन में रुकावट या बिना अनुमति कनेक्शन जोड़ने जैसी मामूली गलतियों पर भी कारावास की सज़ा का प्रावधान था. अब कारावास को हटाकर अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है. यह शहर के निवासियों को जल और सीवरेज से जुड़े मामूली उल्लंघनों पर भी कठोर आपराधिक कार्यवाही से बचाएगा.
'मुकदमेबाजी से मिलेगी मुक्ति'
जोगाराम पटेल ने स्पष्ट किया कि यह कदम खासकर छोटे उद्योगों और वन-आश्रित समुदायों को अनुपालन के बोझ और अनावश्यक मुकदमेबाजी से मुक्ति दिलाएगा. यह अध्यादेश उन छोटे उद्यमियों और वन-निर्भर समुदायों के लिए बहुत बड़ी राहत है, जो अनजाने में होने वाली तकनीकी या प्रक्रियागत चूक के कारण वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ते थे. सरकार का लक्ष्य है कि डर के बजाय विश्वास का माहौल बने.
बिजनेस करना क्यों होगा आसान?
'जन विश्वास' अध्यादेश का सबसे बड़ा असर राज्य के इंडस्ट्रियल और कमर्शियल सेक्टर पर पड़ेगा. छोटे व्यापारियों और MSMEs में अक्सर यह डर रहता था कि मामूली कागज़ी गलती पर भी उन्हें कठोर दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. जेल की सजा खत्म होने से यह डर हटेगा. जेल की सजा वाले प्रावधानों में सुधार के लिए लंबी अदालती प्रक्रिया चलती थी. अब जुर्माने का प्रावधान होने से मामले तेजी से निपटेंगे और व्यापारिक गतिविधियां निर्बाध रूप से चलेंगी. विदेशी और घरेलू निवेशक ऐसे राज्यों में पूंजी लगाना पसंद करते हैं जहां कानूनी अनुपालन की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो. यह अध्यादेश राजस्थान को एक निवेश-अनुकूल गंतव्य के रूप में मजबूत करेगा.
जल्द ही लागू होगा अध्यादेश
मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद, यह अध्यादेश जल्द ही राज्य में लागू हो जाएगा. हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह अध्यादेश केवल उन उल्लंघनों पर लागू होगा जिन्हें 'मामूली' या 'तकनीकी' माना गया है. गंभीर अपराधों पर मौजूदा कानूनी प्रावधान लागू रहेंगे.
निवेश, व्यापार और पर्यटन के लिए 3 नई नीतियां भी मंजूर
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने इस दौरान मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित 3 अन्य महत्वपूर्ण नीतियों की जानकारी दी, जो राज्य के आर्थिक विकास के लिए नींव का काम करेंगी.
1. प्रवासी राजस्थानी (NRR) नीति-2025
इस नीति का लक्ष्य प्रवासी राजस्थानियों (NRI) के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करना है. इसमें NRR इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेल की स्थापना, प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन और डायस्पोरा के लिए शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने के प्रावधान हैं, जो निवेश का बेहतरीन इकोसिस्टम तैयार करेंगे.
2. राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025
यह नीति राज्य के 10.5 लाख से अधिक खुदरा व्यापारियों को बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और लॉजिस्टिक नेटवर्क के समान अवसर उपलब्ध कराने पर केंद्रित है. इसका उद्देश्य MSMEs के लिए ऋण तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना और राजस्थान दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 के प्रावधानों में शिथिलता लाकर व्यापार को व्यवसाय-अनुकूल बनाना है.
3. राजस्थान पर्यटन नीति-2025
यह नीति निजी क्षेत्र के निवेश, अवसंरचना विकास और पर्यटक सुरक्षा पर केंद्रित है. इसमें विशेष पर्यटन क्षेत्र (STZ), पर्यटन परियोजनाओं के लिए सिंगल वेब पोर्टल, 24x7 कॉल सेंटर और पैनिक बटन आधारित सुरक्षा प्रणाली जैसे नवाचार शामिल हैं.
अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय
सरकार ने प्रशासनिक सुधारों को जारी रखते हुए कुछ अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए हैं:-
1. किशनगढ़ एयरपोर्ट
बड़े विमानों के सुरक्षित संचालन हेतु 900 मीटर एप्रोच लाइट्स के लिए 15 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित की गई है, जिससे पर्यटन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
2. अनुकम्पा नियुक्ति
मृतक सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों के लिए आवेदन की समय सीमा 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन की गई है.
3. मोटर वाहन उप निरीक्षक
इस पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में संशोधन किया गया है, जिससे अधिक योग्य अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे और एक वर्षीय अनुभव की अनिवार्यता समाप्त की गई है.
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