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Rajasthan: ख़ुद फ़ेल हुई, जिसकी जगह परीक्षा दी वो बनी प्लाटून कमांडर; SOG ने SI भर्ती घोटाले में सरगना पति-पत्नी को पकड़ा 

एसआई भर्ती घोटाले के मुख्य किरदारों में शामिल पति-पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जोधपुर रेंज पुलिस की साईक्लोनर टीम ने पत्नी को जोधपुर और पति को गोवा से पकड़ा है.

Rajasthan: ख़ुद फ़ेल हुई, जिसकी जगह परीक्षा दी वो बनी प्लाटून कमांडर; SOG ने SI भर्ती घोटाले में सरगना पति-पत्नी को पकड़ा 

SI Paper Leak: जोधपुर रेंज पुलिस की साईक्लोनर टीम ने पेपर लीक से जुड़े बहुचर्चित एसआई भर्ती घोटाले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए मुख्य आरोपी पति को गोवा और पत्नी को जोधपुर से गिरफ्तार किया है. ऑपरेशन तर्पण के तहत एक साथ दोनों जगह दबिश दी गई थी. आरोपी पति नरपतराम गोवा के कालांगुट में शराब की दुकान पर सेल्समैन की नौकरी कर रहा था, जबकि पत्नी इन्द्रा जोधपुर के खेमे का कुआं इलाके में रिश्तेदारों के बीच छुपी हुई थी.

दोनों को पकड़कर एसओजी के हवाले कर दिया गया है.

इंद्रा ने दी थी डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा

घटना की जड़ में इन्द्रा और हरखु की लाइब्रेरी में हुई मुलाकात थी, जहाँ पढ़ाई में होशियार इन्द्रा ने हरखु की मदद करनी शुरू की. लेकिन हरखु ने इसका फायदा उठाते हुए इन्द्रा को अपने स्थान पर परीक्षा देने का प्रस्ताव दे दिया. इन्द्रा के पति नरपतराम ने इस मौके को पैसे कमाने के साधन के रूप में देखा और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बन गया. इन्द्रा ने 13 सितंबर को अपनी परीक्षा दी और अगले दिन हरखु के स्थान पर डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी, जबकि हरखु ने परीक्षा पास कर प्लाटून कमांडर की पोस्ट हासिल कर ली.

साक्षात्कार में मदद के बदले रकम की डील

नरपतराम ने हरखु से परीक्षा पास करवाने के बदले 15 लाख रुपये की गारंटी ली थी. इस रकम में से एक हिस्सा किसी बिचौलिए को देकर इन्द्रा को साक्षात्कार में अधिक अंक दिलवाने की योजना बनाई गई थी. एसओजी की जांच में जब हरखु का नाम सामने आया, तो उससे पूछताछ के बाद नरपतराम और इन्द्रा का नाम उजागर हुआ. गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने अपना गांव, रिश्तेदार और संपर्क पूरी तरह तोड़ दिए और भूमिगत हो गए.

एक फोन नंबर ने खोला फरारी का राज

एसओजी द्वारा इनाम घोषित किए जाने के बाद साईक्लोनर टीम ने आरोपी दंपति को पकड़ने का बीड़ा उठाया. एक रिश्तेदार ने एक मोबाइल नंबर के पीछे छुपे राज की ओर इशारा किया और चुनौती दी कि साईक्लोनर अगर सक्षम है, तो उस नंबर से सब पता करे. तकनीकी विश्लेषण से टीम को पता चला कि वह नंबर गोवा से जुड़ा है. वहीं, एक महिला की गतिविधियों पर नजर रखने पर यह सामने आया कि वह नियमित रूप से खेमे का कुआं जाकर गोवा के नंबर से संपर्क करती थी.

नरपतराम और इंद्रा पुलिस की गिरफ्त में

संदेह पुख्ता होने के बाद साईक्लोनर की एक टीम गोवा रवाना हो गई. तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद कालांगुट स्थित ‘गोवा वाइन्स' नामक दुकान पर नरपतराम शराब बेचता हुआ मिल गया. दूसरी ओर, जोधपुर में नियत समय पर महिला के खेमे का कुआं जाने पर टीम ने दबिश दी.

गोवा में नरपतराम को आसानी से पकड़ा गया, जबकि इन्द्रा फरार होने की कोशिश कर रही थी, लेकिन समय रहते पकड़ में आ गई. पूछताछ में इन्द्रा ने बताया कि गोवा में दबिश की खबर पड़ोसी के माध्यम से उसकी बहन तक पहुंच गई थी. दोनों आरोपियों को एसओजी टीम के सुपुर्द कर दिया गया है.

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