
Karauli News: प्रदेश में भजनलाल सरकार छात्र एवं छात्राओं की शिक्षा के लिए बेहतर प्रबंध कर रही हो लेकिन वहीं करौली जिले के बालघाट क्षेत्र के एक विद्यालय में छात्र छात्राओं को खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण करने के लिए विवश होना पड़ रहा है. क्योंकि स्कूल में छात्रों छात्राओं को बैठने तक की जगह नहीं है.
इस विद्यालय में नहीं बैठने की व्यवस्था
जिले के बालघाट थाना क्षेत्र स्थित लालाराम का पुरा विद्यालय कक्षा 8 तक है जिसमें 110 के करीब छात्र छात्रा अध्ययनरत है. इन सभी को पढ़ाई करने के लिए केवल स्कूल में पांच कक्ष बने हुए है. ओर तीन कक्षा के छात्र छात्राओं को बैठने के लिए छत तक नहीं है. इस भीषण गर्मी और हीट बेब के चलते छात्र छात्रा कैसे पढ़ेंगे? लेकिन सबसे बड़ी बात सामने आती है कि शिक्षा विभाग इन बच्चों के खिलाफ इतनी लापरवाही कैसे कर रहा है.
स्कूल के प्रधानाचार्य लक्ष्मी कांत मीना ने बताया कि स्कूल के कमरों के निर्माण के लिए करीब 2 से 3 बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है लेकिन निर्माण के लिए विभाग के द्वारा स्वीकृति नहीं मिली है. वहीं सीबीईओ भंवर सिंह मीना ने बताया कि छात्र छात्रों के जरूरत के अनुसार कमरों के लिए समसा विभाग के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है स्वीकृति मिलने पर आगे की कार्यवाही शुरू होगी. ग्रामीणों की मांग है कि छात्र एवं छात्राओं के भविष्य को देखते हुए कक्ष के निर्माण की मांग की गई.
जगह नहीं होने पर करनी पड़ती है बच्चों की छुट्टी
राजकीय उच्च विद्यालय लालाराम पुरा में 5 वर्ष से बिना कक्ष के खुले आसमान के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर है, जब बारिश, आधी, तूफान, का मौसम आता है तो छात्र छात्राओं की मजबूती में छुट्टी करना पड़ता है. क्योंकि जगह नहीं होने के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में है पढ़ाई पर भी प्रभाव देखने को मिल रहा है, स्कूल में केवल 8 में से केवल 5 ही कक्ष बने हुए है, 3 तीन कक्षाओं के विद्यार्थियों को खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.
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