Rajasthan News: राजस्थान में सोमवार को सूर्य सप्तमी के पूर्व दिवस पर एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा. प्रदेशभर के राजकीय और निजी विद्यालयों में बच्चे, शिक्षक व आमजन एक साथ सूर्य नमस्कार कर भारतीय पारंपरिक योग प्रणाली द्वारा स्वस्थ जीवन जीने का संदेश देंगे. पिछले वर्ष राज्य में 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार के आयोजन में और अधिक उत्साह देखने को मिलेगा.
राज्य के सभी राजकीय और निजी विद्यालयों में प्रात: 9 बजे एक साथ सूर्य नमस्कार रखा गया है. शिक्षा और पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर स्वयं एसएमएस स्टेडियम के फुटबॉल मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार करेंगे. शिक्षामंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील की है.
नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी
राजस्थान की नजर इस बार पुराना रिकॉर्ड तोड़कर नया विश्व रिकॉर्ड कायम करने पर है. पिछली बार आयोजन में 78,974 विद्यालयों के 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इस बार सभी विद्यार्थियों और शिक्षक-शिक्षिकाएं, स्कूल स्टाफ, एसएमसी, एसडीएमसी के सदस्यों के साथ अभिभावक और आमजन भी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देशानुसार इस बार कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को भी सूर्य नमस्कार का भागीदार बनाया जाएगा. छोटे बच्चों को यथा शक्ति सूर्य नमस्कार के दो से तीन चरण ही कराए जाएंगे. अन्य सभी इसके 10 चरण करेंगे. प्रदेश के सभी विद्यालयों में इसके लिए एक सप्ताह पहले से ही सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया जा रहा है. बीमार या ऐसे विद्यार्थी या शिक्षक या अभिभावक, जो हाल में किसी शल्य प्रक्रिया से गुजरे हों, वे इसका हिस्सा नहीं होंगे.
योग एक्सपर्ट करेंगे विद्यालयों का सहयोग
क्रीड़ा भारती संस्था सूर्य नमस्कार में सभी विद्यालयों और शिक्षक संस्थाओं का सहयोग करेगी. संस्था से जुड़े एक्सपर्ट विद्यालयों में व्यक्तिगत तौर पर सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक महत्व बताएंगे. साथ ही नमस्कारासन, हस्तोत्तानासन सहित योग की सभी क्रियाओं को लाइव करके समझाएंगे, ताकि प्रतिदिन विद्यालयों में प्रार्थना सभा के वक्त इसका अभ्यास कराया जा सके.
क्यों करना चाहिए सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार एक यौगिक प्रक्रिया है जिससे शारीरिक लाभ तो मिलते ही हैं, यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करती है. 12 आसनों की इस प्रक्रिया में आसनों के साथ श्वास-प्रश्वास के भी नियम निर्धारित होते हैं जिससे सूर्य नमस्कार करने वाला व्यक्ति निरोगी व तेजस्वी बनता है. योगाचार्यों के अनुसार सूर्य नमस्कार अपने आपमें संपूर्ण व्यायाम है. बच्चों के लिए भी शारीरिक बल व बुद्धि को तीक्ष्ण बनाने वाला यह अभ्यास एक वरदान के समान है.