पश्चिमी राजस्थान में थार मरुस्थल के प्रवेश द्वार के रूप में पहचाने जाने वाले जोधपुर में मौसम के करवट बदलने के बाद गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. इसी के साथ प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिले जोधपुर में एक बार फिर तिब्बती व्यापारियों का बाजार भी सज चुका है. 1980 से जोधपुर के स्टेशन रोड पर लगने वाले इस बाजार में इस बार की गुलाबी ठंड की शुरुआत के साथ ही अब रौनक भी बढ़ने लगी है. इस बार भी करीब 88 दुकानें लगाई गई है.
ब्रांडेड शॉरूम से ज्यादा होती है बिक्री
जोधपुर ही नहीं लगभग भारत के हर बड़े शहरों में सर्दी में सजाने वाले तिब्बती बाजार के व्यापरी सर्दी की शुरुवात होते ही गर्म कपड़ों की अपनी दुकानें लगाते हैं. लिहाजा इस दौरान अगर बात करें तो ब्रांडेड शॉरूम से भी ज्यादा गर्म कपड़ों की बिक्री होती है. जिसका लाखों का कारोबार होता है.
करीब 88 दुकानें लगती हैं
तिब्बती बाजार में सर्दी की शुरुआत के साथ ही खरीदारी करने के लिए शहरवासी उमड़ रहे हैं. तिब्बत से आई दुकान के संचालक सेफागी ने बताया कि जोधपुर के रेलवे स्टेशन के बाहर हर साल तिब्बती बाजार पर दुकानें सजती है. जहां शहर के कई ग्राहक गर्म कपड़े खरीदने आते हैं. इस बार भी करीब 88 दुकानें लगाई गई है. जिसमें जैकेट से लेकर स्टॉल, हाफ-जैकेट, गरम स्वेटर, बच्चों के लिए कई तरह की डिजाइन इस बार डिमांड में है.
उत्तम क्वालिटी से ग्राहकों में बड़ा विश्वास
जोधपुर के तिब्बती बाजार में उत्तम क्वालिटी के कपड़ों से ही ग्राहकों में इसकी डिमांड भी बढ़ी है. जहां कश्मीरी गर्म कपड़ों के साथ ही 300 से 6000 रुपए तक के गर्म कपड़े यहां उपलब्ध है. जहां शर्दी की शुरुआत के साथ ही इन दिनों शहर वासी भी यहां उमड़ रहे हैं.
वर्ष 1980 में हुई शुरुआत
स्टेशन रोड पर सजने वाले तिब्बती बाजार की शुरुवात वर्ष 1980 में हुई थी. तब से लेकर आज तक यह बाजार सजता है. जहां यहां पीढ़ी दर पीढ़ी लोग अपनी दुकान लगाते है. सभी व्यापारी यहां उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, चंड़ीगढ़ राज्यों से हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर तिब्बत से जोधपुर आते है. यहां के व्यापारी 4 माह तक कमाई से अपना साल भर का गुजारा करते है.
यह भी पढ़ें - जोधपुर, कोटा में टूटा बारिश का 12 साल का रिकॉर्ड, सर्द हवाओं से बढ़ी ठिठुरन, 8-9 डिग्री तक गिरेगा पारा