
Tonk News: राजस्थान के टोंक जिले की आवां पंचायत इन दिनों अपने अभूतपूर्व विकास कार्यों और नवाचारों के लिए पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस सफलता के पीछे हैं गांव के युवा और ऊर्जावान सरपंच दिव्यांश भारद्वाज, जिन्हें उनके उल्लेखनीय कामों के लिए जोधपुर में मुख्यमंत्री के जरिए 15 अगस्त पर सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा, स्वतंत्रता दिवस 2025 के मौके पर उन्हें और उनकी पत्नी को दिल्ली के लाल किले पर विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है.
स्विट्जरलैंड से MBA, गांव की सेवा का जज़्बा
28 साल के दिव्यांश भारद्वाज की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने स्विट्जरलैंड से होटल मैनेजमेंट में MBA की पढ़ाई की और मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब भी की, लेकिन गांव की सेवा का जुनून उन्हें वापस खींच लाया. 2020 में, मात्र 24 साल की उम्र में, उन्होंने अपने गांव आवां से सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
आवां में विकास की नई तस्वीर
सरपंच बनने के बाद दिव्यांश ने अपनी युवा सोच और आधुनिक शिक्षा का इस्तेमाल करते हुए गांव को पूरी तरह से बदल दिया. उन्होंने गांव के छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग वातानुकूलित और इंटरनेट युक्त लाइब्रेरी का निर्माण कराया, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को विशेष सुविधा मिली. इसके साथ ही
गांव के पंचायत भवन, श्मशान घाट और कब्रिस्तान को भी हेरिटेज लुक दिया गया है, जो किसी बड़े शहर से कम नहीं दिखता. इसके अलावा उन्होंने टॉपर छात्रों को हर साल हवाई यात्रा करवाते है. और गांव को स्वच्छ रकने के लिए हर घर-घर कचरा संग्रहण की व्यवस्था की है. बालिका दिवस पर एक छात्रा को सांकेतिक सरपंच बनाते है जिससे युवा पीढ़ी को उनकी जिम्मेदारियों का एहसास रहे.
राष्ट्रीय सम्मान का गौरव
दिव्यांश भारद्वाज के इन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. जोधपुर में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही, स्वतंत्रता दिवस समारोह 2025 में उन्हें और उनकी पत्नी को दिल्ली के लाल किले पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. उनके साथ, राजस्थान के 13 अन्य सरपंचों को भी यह सम्मान मिलेगा, जिनमें टोंक जिले के ही मालपुरा पंचायत के सरपंच रामचरण जाट भी शामिल हैं। यह सभी सरपंच 13 से 15 अगस्त तक दिल्ली में ठहरेंगे और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का मौका मिल सकता है.
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