Jhalawar News: राजस्थान के छात्र जल्द ही पायलट (Pilot) बनने का अपना सपना पूरा कर सकेंगे. क्योंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में जून में आयोजित कैबिनेट बैठक में फ्लाइंग स्कूल (Flying School) शुरू करने की प्रक्रिया पूरी होने जा रही है. राज्य सरकार झालावाड़ शहर ( Jhalawar) के पास कोलाना हवाई पट्टी पर जल्द ही फ्लाइंग स्कूल शुरू करने जा रही है. इससे प्रदेश के युवाओं को पायलट बनने का मौका मिलेगा. झालावाड़ के कोलाना में बनी हवाई पट्टी पर 10 एकड़ जमीन पर यह स्कूल खोला जाएगा. इसके लिए पिछले कई दिनों से प्रक्रिया चल रही थी. इस संबंध में पहले जिला प्रशासन से प्रस्ताव भी मांगे गए थे.
ये मिलेगी सुविधा-
झालावाड़ जिले में राज्य सरकार की ओर से हाड़ौती का पहला फ्लाइंग स्कूल खोलने के प्रयास शुरू हो गए हैं. इसके पहले चरण में कोलाना हवाई पट्टी पर करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाइंग स्कूल बनाया जाएगा. इसके तहत 6 एकड़ जमीन पर क्लास रूम, हैंगर, पार्किंग वे और 4 एकड़ जमीन पर हॉस्टल व प्रशासनिक भवन आदि बनाए जाएंगे। यहां रहकर कई छात्र पायलट की ट्रेनिंग ले सकेंगे. इसके लिए चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर से लेकर इंजीनियर तक सभी तकनीकी पदों पर भर्तियां की जाएंगी.
फ्लाइंग स्कूल खुलने के बाद इस कोलाना हवाई पट्टी का नियमित उपयोग हो सकेगा. भविष्य में यहां बड़े विमान भी उतर सकेंगे. झालावाड़ के कोलाना में जालंधर और खुशीनगर के बाद उत्तर भारत की यह तीसरी सबसे बड़ी हवाई पट्टी है. यहां अभी 27 करोड़ की लागत से टैक्सी वे समेत कई काम होने हैं. फिलहाल अभी यहां हाई स्पीड कार चलाकर रनवे की जांच की जा चुकी है. जिससे अब यहां बड़े विमान भी आसानी से उतर सकेंगे।
इतने कर्मचारी होंगे
सूत्रों के अनुसार, शुरुआत में फ्लाइंग स्कूल में अधिकारियों की आवश्यकता के अनुसार, फ्लाइंग स्कूल में कम से कम दो प्रशिक्षक (पायलट), 3 इंजीनियर, 2 मैकेनिक और 1 ग्लाइडर पायलट, 6 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और एक क्लर्क की आवश्यकता होगी. इनमें सभी तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी.
यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय करणी सेना के शिव सिंह शेखावत और राजपूत करणी सेना के महिपाल मकराना में विवाद, मकराना घायल