
Lok Sabha Election 2024: अमित शाह को बीजेपी के चाणक्य के रूप में जाना जाता है. अमित शाह जब भी चुनावी मोर्चे को संभालते हैं तो इसका रंग चुनाव पर दिखने लगता है. क्योंकि उनकी रणनीति के सामने साल 2014 से ही विपक्षी फेल होते आ रहे हैं. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 400 पार का नारा दिया है तो इसे जमीन पर उतारना आसान नहीं है. इसलिए अमित शाह इसे अमली जामा पहनाने के लिए बिगुल फूंकने को तैयार है. अब इसकी शुरुआत अमित शाह राजस्थान से करने वाले हैं. वैसे तो पिछली बार यानी 2019 में भी राजस्थान की 24 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि एक सीट नागौर को हनुमान बेनीवाल ने जीता था लेकिन उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया था. वहीं, इस बार उस एक सीट को यानी सभी 25 सीट जीतने की नीति तय की गई है. हालांकि, राजस्थान ही नहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी सभी लोकसभा सीट जीतने की नीति बन रही है.
राजस्थान में चाणक्य कौ दौरा
ऐसा कहा जाता है कि अमित शाह जब चुनावी दौरा करते हैं तो उस क्षेत्र की चुनावी हवा बदल जाती है. अब अमित शाह 20 फरवरी को राजस्थान के 9 लोकसभा सीटों पर एक साथ दौरा करेंगे. इसलिए कहा जा रहा है कि उनके दौरे के बाद राजस्थान की सियासत बदल जाएगी. क्योंकि पहले ही बात सामने आ रही है कि कांग्रेस से कई बड़े नेता बीजेपी खेमे में शामिल होने वाले हैं. जबकि 19 फरवरी को दिग्गज आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय 40 साल तक कांग्रेस में सेवा देने के बाद अब बीजेपी के साथ हो गए हैं. अब जब अमित शाह आएंगे तो कुछ ऐसे ही सियासी हलचल मचाकर जाएंगे.
इन 9 लोकसभा सीटों पर बढ़ेगी हलचल
राजस्थान की बड़ी सीटों पर अमित शाह दौरा करने वाले हैं. जिसमें उदयपुर, बीकानेर और जयपुर शामिल हैं. इन तीनों संभागों में 9 लोकसभा सीट है. उदयपुर दौरे के जरिए उदयपुर, चित्तौड़ और डूंगरपुर सीट को साधेंगे. वहीं, बीकानेर दौरा से बीकानेर, गंगानगर और चूरू लोकसभा सीट को साधेंगे. जबकि जयपुर दौरे के जरिए जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दौसा सीट को साधने की तैयारी है. ऐसे में अब विपक्षियों में भी इन 9 सीटों को लेकर हलचल मच जाएगी.
तय करेंगे कार्यकर्ताओं की दिशा
अमित शाह यहां जनता को संबोधित करेंगे वहीं कार्यकर्ताओं की दिशा भी तय करेंगे. क्योंकि कार्यकर्ताओं को किस दिशा में काम करना है अमित शाह उन्हें जरूर बताएंगे. हालांकि, पीएम मोदी ने पहले ही कार्यकर्ताओं को टास्क दे दिया है कि उन्हें हरेक बूथ पर नए से लेकर पुरान वोटरों तक पहुंचना है और उन्हें पीएम मोदी का प्रणाम पहुंचाना है. वहीं, अमित शाह कार्यकर्ताओं को उन मुद्दों के बारे में बताएंगे जिसके जरिए उन्हें आगे बढ़ना है और जीत का लक्ष्य पूरा करना है.
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