Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, लेकिन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होते ही दोनों ही दलों में बगावत के सुर सुनाई देने शुरू हो गए. बीकानेर भी इससे अछूता नहीं रहा और कांग्रेस में बीकानेर-पश्चिम में जहां डॉ. बी. डी. कल्ला के खिलाफ राजकुमार किराडू ताल ठोक रहे हैं वहीं बीकानेर-पूर्व में सिद्धि कुमारी को टिकट मिलने की घोषणा होते ही कद्दावर नेता महावीर रांका के समर्थक विरोध में आ गए.
टिकट की उम्मीद पर फिरा पानी
हालांकि खुद महावीर रांका अपने आपको सेफ रखते हुए पार्टी के फैसले को मानने की बात कह रहे हैं, लेकिन अन्दर ही अन्दर वे भी सिद्धि को टिकट दिए जाने से खफा हैं. महावीर रांका खुद को टिकट का दावेदार मानते थे और यह मान कर चल रहे थे कि इस बार बीकानेर-पूर्व से उनका टिकट पक्का है. रांका वसुन्धरा खेमे से माने जाते हैं, समाजसेवी भाव के रांका ने कोरोना काल में बिना किसी भेदभाव के राशन, ऑक्सीजन सहित अन्य सामान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
पुनर्विचार के लिए निकालेंगे पदयात्रा
इसके अलावा परिवर्तन यात्रा में भी उन्होंने अपना दम-खम दिखाया था, यह सन्देश पार्टी में मजबूती से गया था, लेकिन टिकट नहीं मिलने से रांका और उनके समर्थक मायूस हो गए हैं.
बीजेपी ने सिद्धि कुमारी को ही माना विश्वसनीय
हालांकि अब भाजपा के नाराज नेता महावीर रांका के तेवर अब तीखे हो चले हैं. आज शाम उन्होंने अपने हज़ारों समर्थकों के साथ रैली निकाली जो जूनागढ़ से रवाना होकर कोटगेट पहुंची. ग़ौरतलब है कि महावीर रांका भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते हैं और इस बार विधानसभा चुनाव के लिए बीकानेर-पूर्व से टिकट की दौड़ में थे, लेकिन टिकट पिछले 15 सालों से चली आ रही विधायक और बीकानेर राजपरिवार की सदस्य सिद्धि कुमारी की झोली में ही गिरा.
समर्थकों के जरिए विरोध कर रहे रांका
इससे खफा होकर महावीर रांका कोप भवन में बैठ गए और अपने समर्थकों के जरिए विरोध करवाना शुरू कर दिया. हालांकि वे पार्टी के खिलाफ अब भी कुछ नहीं बोल रहे हैं और जो भी बोल रहे हैं वह नपा-तुला बोल रहे हैं. उनका कहना है कि उनके समर्थक यह चाहते हैं कि वे चुनाव लड़ें. इसलिए पार्टी आलाकमान को यह कहना चाहते हैं कि बीकानेर-पूर्व के टिकट पर पुनर्विचार किया जाए.
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