Rajasthan News: राजस्थान का राज्य पक्षी 'द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड' जिसे गोडावण के नाम से जाना जाता है. यह बहुत शर्मिले होते हैं. वहीं राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा है और इन दोनों के साथ दिखाई देना दुर्लभ है. हाल ही में जैसलमेर के एक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर और वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई ने इस दुलर्भ दृश्य को अपने कैमरे में कैद किया है. तस्वीर को राधेश्याम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जिसके बाद कई लोगों ने इसे स्टेट्स और स्टोरीज में लगाया है. यह तस्वीर लगातार वायरल भी हो रही है. यह मनमोहक और दुलर्भ होने के साथ-साथ राजस्थान की संस्कृति को भी दर्शाती है.
दिख रहे वन्यजीवों के अतरंगे नजारे
इस वर्ष जैसलमेर सहित पूरे प्रदेशभर में मानसून मेहरबान रहा है. बारिश के बाद जैसलमेर में पशु पक्षियों के लिए घास के कई मैदान तैयार हो गए हैं. पोकरण क्षेत्र की गंगाराम की ढाणी में एक बड़े से घास के मैदान में हल्की बारिश की बोछारों के बाद वन्यजीवों के अतरंगे नजारे देखने को मिल रहे हैं. लेकिन कुछ दिन पहले राधेश्याम विश्नोई ने घास के मैदान में सुहाने मौसम में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और चिंकारा को एक साथ देखा और इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लिया.
राधेश्याम ने इस फोटो के कैप्शन में लिखा
Both are male. Great Indian Bustard and Chinkara. राज्य पक्षी गोडावण और राज्य पशु चिंकारा दोनों प्राणी घास के मैदानों की शोभा बढ़ाते हैं. इसी कैप्शन के साथ यह फोटो अब वायरल हो रही है.
गोडावण
विश्वभर में केवल राजस्थान के जैसलमेर में ही सर्वाधिक गोडावण बचे हैं. इनके संरक्षण पर राजस्थान में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. 150-200 की तादात में बचे इन गोडावण को राजस्थान में राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया है. यह राजस्थान के लिए विरासत से कम नहीं हैं.
चिंकारा
मई 1981 को इसे राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया गया था. वर्तमान में राजस्थान का वन्य श्रेणी का राज्य पशु चिंकारा है. चिंकारा जानवर दक्षिणी एशिया में पाई जाने वाली हिरन की एक प्रजाति है. आम तौर पर इन्हे 'भारतीय हिरन' के नाम से जाना जाता है.
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