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रविंद्र भाटी ने फिर जीता दिल, भाई की शादी में फिजूलखर्ची रोक हॉस्टल बनाने के लिए दिए 22 लाख, 51 बेटियों का कन्यादान भी करेंगे

Ravindra Bhati News: शिव विधायक रविंद्र भाटी ने बताया कि उनके परिवार ने सामूहिक निर्णय लिया है कि शादी को सादगीपूर्ण तरीके से आयोजित किया जाएगा और फिजूलखर्ची से बचा पैसा समाज और शिक्षा के उत्थान में लगाया जाएगा.

रविंद्र भाटी ने फिर जीता दिल, भाई की शादी में फिजूलखर्ची रोक हॉस्टल बनाने के लिए दिए 22 लाख, 51 बेटियों का कन्यादान भी करेंगे
शिव के निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी.

Ravindra Bhati News: राजस्थान के चर्चित निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी ने फिर दिल जीतने वाला काम किया है. रविंद्र भाटी ने छोटे भाई रणवीर की शादी में फिजुलखर्ची नहीं करने का फैसला लिया है. भाई की शादी में खर्च होने वाले पैसे को इन्होंने हॉस्टल बनाने और गरीब परिवार की 51 बेटियों की शादी करवाने का निर्णय लिया है. भाटी के इस सामाजिक पहल की जमकर तारीफ की जा रही है. शिव विधायक रविंद्र भाटी ने बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल के लिए 11-11 लाख रुपए दे दिए है. 

3 दिसंबर को होनी है रविंद्र भाटी के भाई की शादी

दरअसल 3 दिसंबर को रविंद्र भाटी के छोटे भाई रणवीर की शादी है. इस शादी के खर्च के लिए रखे गए ₹22 लाख को उन्होंने बाड़मेर के गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल को दान किए. भाटी ने यह राशि राव बाहड़ गर्ल्स हॉस्टल और मल्लीनाथ छात्रावास में जाकर सौंपी. बताते चले कि रविंद्र के छोटे भाई रणवीर की बारात बाड़मेर के दुधोड़ा से कोटड़ा जाएगी. 

हॉस्टल बनाने के लिए 22 लाख रुपए देने के अलावा भाटी ने क्षेत्र में गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों की 51 बेटियों के कन्यादान करने की घोषणा की है.

शिव विधायक भाटी ने बताया कि उनके परिवार ने सामूहिक निर्णय लिया है कि शादी को सादगीपूर्ण तरीके से आयोजित किया जाएगा और शादी में फिजूलखर्ची से बचा पैसा समाज और शिक्षा के उत्थान में लगाया जाएगा.


51 गरीब जरूरतमंद परिवारों की बेटियों का करेंगे कन्यादान

रविंद्र सिंह भाटी अपने दादा पिता और परिवारजनों के साथ बाड़मेर शहर के तिलक नगर स्थित बहाड़ राव राजपूत समाज छात्रावास पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने छात्रावास निर्माण में सहयोग के साथ बाड़मेर जिले की गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों की 51 बेटियों की शादी में सहयोग कर कन्यादान करने की घोषणा भी की है.

पुराने परंपरा की फिर से शुरुआत

इस दौरान उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की अपनायत की मिसाल रही है. जो परिवार गरीब होते थे, उनकी बेटियों की शादी में जो परिवार सक्षम होते थे, वे सहयोग करते थे. उनका कन्यादान तक करते थे. उसी परंपरा का निर्वाण करते हुए आज इस पहल की शुरुआत की है. उम्मीद है आजकल की युवा इस बदलाव में उनके साथ देंगे और समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने में आगे आएंगे.

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