Rajasthan News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट घटाकर 5.25% कर दिया है. इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर पड़ना चाहिए. लेकिन कई बार देखा जाता है कि RBI की घोषणा के बाद भी बैंक तुरंत आपके लोन पर ब्याज दर कम नहीं करते. आखिर ऐसा क्यों होता है और आपको क्या करना चाहिए?
बैंक तुरंत ब्याज दर क्यों नहीं घटाते?
1. लोन का प्रकार
अगर आपका लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो RBI की रेपो रेट कटौती का असर नहीं होगा. केवल फ्लोटिंग रेट लोन पर यह बदलाव लागू होता है.
2. रीसेट पीरियड
फ्लोटिंग रेट लोन में भी बैंक हर महीने नहीं, बल्कि तय समय पर (जैसे 3 महीने या 6 महीने) ब्याज दर रीसेट करते हैं. इसलिए बदलाव में समय लगता है.
3. बैंक की आंतरिक प्रक्रिया
RBI की घोषणा के बाद बैंक अपनी फंडिंग कॉस्ट और लिक्विडिटी स्थिति का आकलन करते हैं. इस वजह से दरें घटाने में देरी हो सकती है.
4. स्प्रेड और मार्जिन
बैंक रेपो रेट के अलावा अपना मार्जिन जोड़ते हैं. कभी-कभी बैंक मार्जिन बढ़ाकर कटौती का असर कम कर देते हैं.
इस स्थिति में आप क्या कर सकते हैं?
1. लोन एग्रीमेंट चेक करें
सबसे पहले आप अपना लोन एग्रीमेंट चेक करें और उसमें लिखी रीसेट डेट और शर्तों को समझें.
2. बैंक से लिखित शिकायत करें
अगर रीसेट डेट निकल चुकी है और दरें नहीं घटीं, तो बैंक से औपचारिक शिकायत करें.
3. RBI Ombudsman से संपर्क करें
अगर बैंक कार्रवाई नहीं करता, तो RBI के ओम्बड्समैन पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें.
4. लोन ट्रांसफर करें
दूसरे बैंक में बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं, जहां दरें कम हों. ये आखिरी विकल्प हो सकता है.
फ्लोटिंग रेट और फिक्स्ड रेट लोन में अंतर समझिए
फिक्स्ड रेट लोन में ब्याज दर पूरी लोन अवधि में एक जैसी रहती है. इसका मतलब है कि आपकी EMI शुरू से अंत तक नहीं बदलेगी. RBI रेपो रेट घटाए या बढ़ाए, इसका असर आपके लोन पर नहीं पड़ेगा. यह उन लोगों के लिए अच्छा है जो EMI में स्थिरता चाहते हैं और भविष्य में ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं. लेकिन नुकसान यह है कि अगर बाजार में ब्याज दरें घटती हैं, तो आपको कोई फायदा नहीं मिलेगा.
फ्लोटिंग रेट लोन में ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है. RBI रेपो रेट घटाए तो आपकी EMI कम हो सकती है, और अगर रेपो रेट बढ़े तो EMI बढ़ जाएगी. यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर है जो लंबी अवधि में ब्याज दरों के घटने की उम्मीद करते हैं. हालांकि इसमें अनिश्चितता रहती है क्योंकि EMI कभी भी बढ़ सकती है.
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