Rajasthan News: अजमेर के विश्व विख्यात ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर विशेष रूप से वहां के हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध अजमेर दरगाह में एक सभा का आयोजन कर दुआ की गई. इस जलसे में अंजुमन सैयद जगादगान के अध्यक्ष सैयद गुलाम किब्रिया ने सभी खुद्दाम समुदाय कि ओर से बांग्लादेश के हिंदू और अल्पसंख्यक समाज के लोगों की हिफाजत के लिए दुआ खैर की. वहीं अजमेर दरगाह के गद्दीनशीन मौलाना आजाद संस्थान भारत सरकार के पूर्व सदस्य सैयद अफशांन चिश्ती ने कहा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह हर मजहब के लोगों की पनाहगाह है. ख्वाजा साहब के दर से हर वक्त और हर दौर में अमन भाईचारे और पीड़ितों की हिमायत का पैगाम जाता है और उनके लिए दुआ होती है.
'भारत का मुसलमान बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के साथ'
मौलाना ने कहा कि बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक है जिसमें विशेष रूप से हमारे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन हैं. हम भारत के मुसलमान उनके साथ खड़े हैं. बांग्लादेश में बड़ी तादाद में मंदिरों और दरगाहों को भी निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है. केंद्र सरकार वहां के हालात पर नजर बनाए हुए है. भारत सरकार पर पूरा यकीन है की वहां के अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के लिए जो जरूरी है, वह जरूर करेगी.
भारतीय मुसलमानों से की अपील
अजमेर दरगाह के खादिमों ने भारत के मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वे भी बांग्लादेश के हिंदू भाई बहनों के लिए दुआ करें. इस समय उन्हें हमारे साथ और दुआओं की जरूरत है. कट्टरपंथी विचारधारा के मानने वाले अराजक तत्वों ने बांग्लादेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.
अल्पसंख्यकों का साथ दें मुसलमान
चिश्ती फाउंडेशन के संस्थापक सैयद सलमान चिश्ती ने कहा ख़्वाजा साहब की शिक्षा अमन और भाईचारे को बढ़ाने का काम करती हैं. ख़्वाजा साहब के दर से हम बांग्लादेश में जो दरगाह हैं उनसे भी गुज़ारिश करते हैं कि वो भी अकलीयत (अल्पसंख्यक) का खुलकर समर्थन करें.
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