
Rajasthan News: सिख अभ्यर्थियों को अब प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने धार्मिक प्रतीक जैसे कड़ा, कृपाण और पगड़ी पहनकर एग्जाम सेंटर में जाने की पूरी छूट होगी. गृह विभाग ने इस संबंध में एक अहम आदेश जारी करते हुए साफ किया है कि किसी भी सिख छात्र को अब इन धार्मिक प्रतीकों को उतारने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा.
'सिख उम्मीदवारों का पूरा सम्मान किया जाए'
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भास्कर ए. सावंत ने आदेश में कहा, 'परीक्षा केंद्रों पर सिख उम्मीदवारों की धार्मिक भावनाओं और गरिमा का पूरा सम्मान किया जाए. साथ ही, सुरक्षा जांच के दौरान भी उनकी धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखा जाए.'
नई व्यवस्था तुरंत लागू करने के आदेश
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में जयपुर में एक परीक्षा के दौरान पंजाब से आई एक छात्रा को कड़ा उतारने को कहा गया था. इस मामले के बाद कई सिख संगठनों और अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताई थी. इसके तुरंत बाद राज्य सरकार ने एक्शन लेते हुए ये आदेश जारी किया है. गृह विभाग ने यह निर्देश सभी परीक्षा आयोजक संस्थाओं, जिला कलेक्टरों और पुलिस प्रशासन को तुरंत लागू करने को कहा है.
It is deeply disturbing to learn that a baptised Sikh girl, Gurpreet Kaur from TarnTaran Sahib district, was today denied entry to the Rajasthan Judicial Services examination at Poornima University, Jaipur, for wearing her sacred articles of faith — “Kara” and “Kirpan”.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) July 27, 2025
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बादल ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र
पंजाब के तरनतारन जिले की एक सिख लड़की को जयपुर में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित एक केंद्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया था, क्योंकि उसने ‘कड़ा' पहना थी और उसके पास ‘कृपाण' था. इस पर विरोध जताते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने रविवार को पीएम मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था.
'संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन'
बादल ने अपने पत्र में लिखा था, 'कड़ा और कृपाण सिख धर्म की पवित्र वस्तुएं हैं. यह अनुच्छेद 25 के तहत प्रदत्त उसके संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है और उसे अपने धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार से वंचित किया गया है. संविधान के अनुच्छेद 25 में सिख धर्म के अन्य प्रतीकों के साथ-साथ 'कृपाण' का भी विशेष उल्लेख है, जिन पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है, यहां तक कि उड़ानों में भी.'
सुखबीर सिंह बादल ने जताया आभारI welcome the Rajasthan Government's decision to allow Sikh students to wear articles of their faith, including the turban, kara, and kirpan, in examination centers.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) July 30, 2025
I am grateful to Prime Minister Narendra Modi and Rajasthan Chief Minister @BhajanlalBjp for responding… pic.twitter.com/uCa2U0Bx26
सुखबीर सिंह बादल ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, 'मैं राजस्थान सरकार द्वारा सिख छात्रों को परीक्षा केंद्रों में पगड़ी, कड़ा और कृपाण सहित अपनी आस्था की वस्तुएं धारण करने की अनुमति देने के निर्णय का स्वागत करता हूं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभारी हूं कि उन्होंने बपतिस्मा प्राप्त सिखों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न हो, यह सुनिश्चित करने के हमारे अनुरोध पर सकारात्मक और त्वरित प्रतिक्रिया दी. मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह करता हूं कि वे अधिकारियों को गुरप्रीत कौर और अन्य छात्रों को विशेष अवसर प्रदान करने का निर्देश दें, जिन्हें पवित्र कृपाण धारण करने के कारण परीक्षा में प्रवेश से अनुचित रूप से वंचित कर दिया गया था. इसके अतिरिक्त, मैं अनुरोध करता हूं कि सभी छात्रों की स्क्रीनिंग समान रूप से की जाए, बिना किसी धार्मिक पूर्वाग्रह या सिख छात्रों के साथ भेदभाव के.'
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