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This Article is From Dec 27, 2023

रेस्टोरेंट में ग्राहक को पानी नहीं देने पर मालिक पर लगा 25 हजार का जुर्माना, बोतलबंद पानी लेने के लिए किया था मजबूर

रेस्टोरेंट में बोतलबंद पानी खरीदने के लिए ग्राहक को मजबूर करना एक संचालक को काफी महंगा पड़ा. जिला उपभोक्ता फोरम ने रेस्टोरेंट संचालक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

रेस्टोरेंट में ग्राहक को पानी नहीं देने पर मालिक पर लगा 25 हजार का जुर्माना, बोतलबंद पानी लेने के लिए किया था मजबूर
रेस्टोरेंट में बोतलबंद पानी खरीदने के लिए मजबूर करने पर लगा जुर्माना. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रेस्टोरेंट में खाने जाओ या चाय पीने अक्सर वेटर और संचालक बोतलबंद पानी बोतल खरीदने पर जोर देते हैं. इससे न केवल उनका कारोबार बढ़ता है, बल्कि पानी बोतल वाली कंपनियों का भी बिजनेस चलता है. लेकिन नियम यह कहता है कि कोई भी रेस्टोरेंट बोतलबंद पानी खरीदने के लिए ग्राहक को विवश नहीं कर सकता. अब धीरे-धीरे लोगों में भी जागरूकता आने लगी है. लोग अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने लगे हैं.

इसका एक उदाहरण राजस्थान के जोधपुर शहर से सामने आया है. जहां एक रेस्टोरेंट में स्वच्छ पानी नहीं देकर जबरदस्ती मिनरल वाटर खरीदने के लिए मजबूर किया था. जिसके बाद जागरूक युवाओं ने उपभोक्ता विभाग में शिकायत दर्ज करवाई और अब उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अपने निर्णय में रेस्टोरेंट मालिक पर 25000 का जुर्माना लगाया है.

होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स में फ्री में दें पानी

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जोधपुर के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा और सदस्य अफसाना खान ने परिवाद मंजूर करते हुए यह व्यवस्था दी है कि होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स प्रबंधन का यह नैतिक और विधिक दायित्व है कि अपने यहां आने वाले ग्राहकों को निःशुल्क स्वच्छ और सामान्य जल उपलब्ध कराएं.

जानिए क्या है पूरा मामला

यह मामला 3 अक्टूबर 2019 है. उस रोज अविनाश, कोमल, अक्षता आचार्य, सुनील, नेहा और सानिध्य भंडारी फॉरेस्टा कैफे रेस्टोरेंट में खाना खाने गए और उन्हें सामान्य जल उपलब्ध कराने से मना कर अधिक दर में मिनरल वॉटर खरीद वास्ते मजबूर किया. रेस्टोरेंट मालिक व शिकायत पुस्तिका में शिकायत दर्ज किए जाने के बावजूद उन्होंने सामान्य जल सर्व करने से बिलकुल मना  कर दिया.

इसके बाद जागरूक युवाओं ने अपने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से उपभोक्ता फॉर्म में एक शिकायत पेश की. मामले में अधिवक्ता अनिल भंडारी ने बहस करते हुए कहा कि देश में होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स प्रबंधन की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे अपने यहां आने वाले ग्राहकों को निःशुल्क स्वच्छ और सामान्य जल उपलब्ध कराएं और ऐसा नहीं कर प्रतिपक्ष ने न केवल परिवादी के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार किया है बल्कि अपनी सेवा में कमी और त्रुटि की है. वही बावजूद सम्मन तामील विपक्षी अनुपस्थित रहा.

जिला उपभोक्ता आयोग,द्वितीय जोधपुर ने परिवाद मंजूर करते हुए कहा कि रेस्त्रां प्रबंधन ने परिवादिगण को सामान्य और स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं करा कर मिनरल वॉटर  खरीद वास्ते मजबूर कर उनके साथ न केवल अनुचित व्यापार व्यवहार किया है बल्कि अपनी सेवा में कमी और त्रुटि की है. उन्होंने फॉरेस्टा कैफे रेस्टोरेंट को निर्देश दिया कि परिवादी को दो माह में बीस हजार रुपए हरजाना और पांच हजार रूपए परिवाद व्यय अदा करें.
 

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