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This Article is From Aug 28, 2023

राजस्थान में 4-5 सितंबर को नहीं चलेंगी सरकारी बसें, रोडवेज कर्मियों ने किया चक्का जाम का ऐलान

Roadways workers Protest in Rajasthan: राजस्थान में रोडवेज कर्मियों ने 'रोडवेज बचाओ रोजगार बचाओ' प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ रखा है. सोमवार को रोडवेज कर्मचारियों ने 'ढोल बजाओ सरकार जगाओ' अभियान के तहत बसडिपो परिसर में ढोल बजाकर सरकार को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी.

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राजस्थान में 4-5 सितंबर को नहीं चलेंगी सरकारी बसें, रोडवेज कर्मियों ने किया चक्का जाम का ऐलान
अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करते राजस्थान रोडवेज कर्मचारी.

Chakka jam in Rajasthan: चुनावी साल में राजस्थान में आंदोलन, प्रदर्शन-हड़ताल भी खूब हो रहे हैं. बिजली संकट से जूझ रहे प्रदेश में विद्युत कर्मियों का प्रदर्शन अभी चल ही रहा है. इस बीच अब रोडवेज कर्मी भी अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं.  राजस्थान में रोडवेज कर्मियों ने 'रोडवेज बचाओ रोजगार बचाओ' प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ रखा है. अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के मकसद से सोमवार को रोडवेज कर्मचारियों ने 'ढोल बजाओ सरकार जगाओ' अभियान के तहत बसडिपो परिसर में ढोल बजाकर सरकार को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी. साथ ही आंदोलनरत कर्मचारियों ने 4 सितंबर की रात 12 बजे से 5 सितंबर की रात 12 तक 24 घंटे के लिए चक्का जाम का ऐलान भी किया है. इसका मतलब यह है कि 4-5 सितंबर को राजस्थान में सरकारी बसें नहीं चलेंगी. 

17 अगस्त से चल रहा है आंदोलन

सोमवार को सीकर में राजस्थान रोडवेज के संयुक्त श्रमिक संगठन के बैनर तले कर्मियों ने डिपो में ढोल बजाकर प्रदर्शन किया. मालूम हो कि 17 अगस्त से सीकर में रोडवेज कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. धरना, प्रदर्शन, रैली व अर्धनग्न प्रदर्शन के बाद भी सरकार की ओर से अभी तक कोई पहल होती नहीं दिख रही है. ऐसे में सोमवार को कर्मियों ने ढोल बजाकर रैली निकाली और विरोध-प्रदर्शन किया. रोडवेज कर्मचारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 4 सितम्बर रात 12 बजे से 5 सितम्बर रात 12 बजे तक प्रदेशव्यापी चक्का जाम किया जाएगा. 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- वेतन,भत्ते व पेंशन मुख्य मांग

राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामदेव सिंह टाकरिया ने बताया कि रोडवेज कर्मचारियों की कोई विशेष मांग नहीं है. सिर्फ रोडवेज की नई बसों की खरीद, नई कर्मचारियों की भर्ती और समय पर वेतन भत्ते व पेंशन देने की मुख्य मांग है. 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- सरकार अपने आप को जनकल्याणकारी बताते हुए आमजन को बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवा रही है. रोडवेज की अच्छी सेवा उपलब्ध करवाना जरूरी है. नई बसों की खरीद कर नई कर्मचारियों की भर्ती की जाए ताकि आमजन को इसका लाभ मिले.


एक सितंबर को पुतला दहन, 4-5 को चक्का जाम

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो एक सितंबर को पुतला दहन किया जाएगा. फिर भी सरकार नहीं मानी तो दो और तीन सितंबर को रोडवेज कर्मचारी समय देंगे. उसके बाद 4 सितंबर की रात 12 बजे से 5 सितंबर की रात 12 बजे तक 24 घंटे का चक्का जाम रहेगा.

रोडवेज कर्मियों की 11 सूत्री मांगें

1. वेतन, पेंशन एवं 1 महीने के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान प्रत्येक महीने के प्रथम कार्य दिवस को आवश्यक रूप से करने की स्थाई व्यवस्था की जाए. 
2. रोडवेज के बड़े में कम से कम ढाई हजार नई बसें खरीदी कर शामिल की जाए.
3. रोडवेज में रिक्त पड़े लगभग 11 हजार से ज्यादा पदों के कम से कम आधे पदों पर संचालन व्यवस्था से जुड़े पदों को प्राथमिकता देते हुए भर्ती की जाए.
4. रोडवेज को प्रतिमाह हो रहे घाटे के बराबर राज्य सरकार द्वारा अनुदान राशि प्रति माह के अंतिम कार्य दिवस तक आवश्यक रूप से देना शुरू किया जाए. 
5. आर्टिजन ग्रेट 2 की आर्टिजन ग्रेड एक के पद पर पदोन्नति पर छठे वेतनमान में ग्रेड पे 2400 को 2800 करने एवं नॉन आईटीआई आर्टिजन ग्रेड सेकंड को आर्टिजन ग्रेड एक के पद पर पदोन्नति देने तथा स्थाई आदेश 1965 में शामिल महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव देने के नियम मंडल द्वारा पूर्व में पारित प्रस्ताव को लागू किया जाए.
6. स्थाई आदेशों में शामिल कर्मचारियों को सेवा विनिमय से शामिल कर्मचारियों के समान 30 उपार्जित अवकाश प्रतिवर्ष, पुरुष कर्मचारियों को पैटरनिटी लीव, एकल पुरुष कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव की सुविधा दी जाए.
7. सातवें वेतनमान में पेंशन का निर्धारण पे मैट्रिक्स के आधार पर किया जाए.
8. रोडवेज के पेंशन विनियमों को राज्य सरकार के पेंशन के नियमों के अनुसार अपडेट किया जाए.
9. सेवारत एवं सेवानिवृत कर्मचारियों के सभी प्रकार के बकाया भुगतान यथा महंगाई भत्ते, पेंशन, एरिया, 14 माह के सेवानिवृत्ति परिलाभ, ब्याज, नाइट डे आउट भत्ते की दैनिक भत्ते में अंतर की राशि के एरिया का सर्वोच्च न्यायालय के निर्धारण अनुसार भुगतान जल्द से जल्द करने की व्यवस्था की जाए.
10. ओवरटाइम, जीएच, वीकली रेस्ट का हिसाब तैयार करके सार्वजनिक किया जाकर भुगतान की व्यवस्था की जाए।
11. चालकों व परिचालकों के ओवरटाइम की गणना साप्ताहिक कार्य के घंटे के बजाय रोजाना के काम के घंटे के अनुसार की जाए.

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