Rajasthan News: राजस्थान में सहायक अभियोजन अधिकारी की भर्ती परीक्षा के नतीजे ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. हजारों उम्मीदवारों की मेहनत पर पानी फिर गया जब सिर्फ चार लोग ही सफल घोषित हुए. अब ये मामला अदालत की दहलीज पर पहुंच गया है जहां अभ्यर्थी न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
परीक्षा की पूरी कहानी
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 181 पदों के लिए यह भर्ती निकाली थी. परीक्षा दो हिस्सों में हुई. पहले चरण की प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद 2700 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल हुए. यह मुख्य परीक्षा 1 जून को आयोजित की गई. इसमें दो पेपर थे. पहला पेपर विधि विषय का था जो 300 अंकों का था.
दूसरा पेपर हिंदी और अंग्रेजी भाषा का था जिसमें 100 अंक थे. भर्ती के नियमों के मुताबिक हर पेपर में कम से कम 40 प्रतिशत अंक लाना जरूरी था. आयोग का कहना है कि ज्यादातर अभ्यर्थी इस न्यूनतम अंक की शर्त पूरी नहीं कर सके. कुल 2700 में से 2696 उम्मीदवार असफल रहे.
नतीजे की घोषणा और उठा बवाल
10 दिसंबर 2025 को परिणाम जारी होने के बाद से ही हंगामा मचा हुआ है. इतने कम पास होने से अभ्यर्थी हैरान हैं. वे पूछ रहे हैं कि क्या मूल्यांकन सही तरीके से हुआ. आयोग ने मूल्यांकन की कोई स्पष्ट नीति सार्वजनिक नहीं की जिससे संदेह और गहरा हो गया.
अदालत में चुनौती और मांगे
अभ्यर्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है. यह याचिका वकील तनवीर अहमद के माध्यम से की गई. याचिका में कहा गया है कि नतीजे मनमाने और अव्यावहारिक हैं. ये संविधान में दिए मूल अधिकारों का खुला उल्लंघन हैं.
अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि परिणाम पर तुरंत रोक लगाई जाए. साथ ही पूरे नतीजे को रद्द किया जाए. मूल्यांकन प्रक्रिया को गैरकानूनी घोषित कर उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन करवाया जाए. वे चाहते हैं कि अदालत इस मामले में दखल दे और पारदर्शिता सुनिश्चित करें.
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