
Sachin Pilot: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका था. दोनों के बीच जिस तरह से हमला हो रहा था, युद्ध के आसार दिखने लगे थे. भारत लगातार कार्रवाई कर रहा था. लेकिन इस बीच भारत-पाकिस्तान ने सीजफायर का ऐलान किया. वहीं इस सीजफायर समझौते को लेकर दोनों देशों के ऐलान के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भी सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते और युद्ध रुकवाने के लिए अमेरिका ने अहम रोल निभाया. हालांकि ट्रंप की इस टिप्पणी पर केंद्र सरकार की ओर से किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया, न ही ट्रंप द्वारा दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की बात कबूल की गई. वहीं अब इस मामले में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बड़े सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस के महासचिव सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.
भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौला
इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए पायलट ने बुधवार को यहां कहा कि ट्रंप न केवल आतंकवाद के मूल मुद्दे पर ध्यान देने में विफल रहे बल्कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौलने तथा कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय चर्चा में लाने का भी प्रयास किया है. पायलट ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने व्यापार बढ़ाने की बात कर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम सुनिश्चित किया है. यह बयान आश्चर्यजनक बयान है.'
ट्रंप के बयान में आतंकवाद का जिक्र नहीं
ट्रंप द्वारा अपने बयानों में आतंकवाद का जिक्र नहीं किए जाने की आलोचना करते हुए पायलट ने कहा कि पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद भारत और पाकिस्तान के बीच वास्तविक मुद्दा है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से ट्रंप ने एक बार भी इसका जिक्र अपनी टिप्पणियों में नहीं किया है. कांग्रेस नेता ने कहा, 'न तो अमेरिकी प्रशासन और न ही उपराष्ट्रपति (जेडी वेंस) ने सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका की निंदा की है और न ही इसे रोकने का कोई आश्वासन दिया है.'
पायलट ने कश्मीर के मुद्दे को बीच में लाने के अमेरिकी प्रयास को भी खारिज कर दिया और कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है जिसमें तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं है.
पायलट ने कहा, हमारा मुद्दा आतंक का था और वो कश्मीर को घसीट कर ले आये बीच में. वो मुद्दा ही नहीं है. कश्मीर तो पूरी तरह से भारत व पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है.
संसद क विशेष सत्र बुलाया जाए
भारतीय संसद द्वारा 1994 में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव का जिक्र करते हुए पायलट ने केंद्र सरकार से उस प्रतिबद्धता की पुष्टि करने और किसी भी मौजूदा भ्रम को दूर करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया. इस प्रस्ताव में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस लेने की बात कही गई थी.
90 के दशक में वापस ला दिया है
पायलट ने कहा कि ट्रंप की टिप्पणियां भारत और पाकिस्तान को फिर से एक तराजू में तौलने का प्रयास करती नजर आ रही हैं. उन्होंने कहा, 'पिछले 20 वर्षों में किए गए प्रयासों के कारण हम एक बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. वैश्विक पटल पर हमारी विशेष उपस्थिति है और लोग अर्थव्यवस्था, जनसंख्या, सैन्य शक्ति के लिहाज से भारत-चीन की बात करने लगे हैं. लेकिन इस ताजा घटनाक्रम ने हमें 90 के दशक में वापस ला दिया है जो एक अच्छा संकेत नहीं है.'
उन्होंने कहा, “ये कूटनीति के लिए, भारत के भविष्य के लिए, विदेश नीति के लिए कोई बहुत अच्छे संकेत नहीं हैं.'
कांग्रेस नेता ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को सफलतापूर्वक अंजाम देने और आतंकी ढांचे को सटीकता से नष्ट करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की. उन्होंने कहा, '‘ऑपरेशन सिंदूर' शानदार अभियान रहा और जिस सटीकता के साथ हमारे बलों ने हमला किया उसका कोई सानी नहीं है.'
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