
राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में इन दिनों बदलते सियासी समीकरणों के चलते सियासी हलचल तेज हो गई है. बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट के साथ जाट नेताओं की मौजूदगी से सियासी हलकों में इन बदलते समीकरणों को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है. कल सुबह पश्चिमी राजस्थान में कर्नल सोनाराम के पुष्पांजलि कार्यक्रम के दौरान हरीश चौधरी समेत कई जाट नेता पायलट के साथ नजर आए. शाम होते-होते पायलट सीधे जयपुर पहुंचे और विधायक दल की बैठक में शामिल होने के साथ ही पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर भी मुलाकात की.
डोटासरा और पायलट में लंबी बातचीत
अस्पताल मार्ग डोटासरा के निवास पर पायलट और डोटासरा के बीच लंबी बातचीत चली. यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है. विधानसभा सत्र शुरू हो चुका है और विपक्ष एकजुट होकर सरकार पर हमले तेज करना चाहता है. पायलट और डोटासरा की इस मुलाकात को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
हालांकि, कांग्रेस में गुटबाजी के हालातों के बीच इन दोनों नेताओं का एक साथ बैठकर गहन चर्चा करना राजनीतिक संदेश भी देता है. यह तस्वीर कांग्रेस की एकता और आगामी चुनावों की तैयारी के लिहाज से अहम हो सकती है.
दोनों के बीच मानी जा रही थी खटास
2020 के सियासी संकट के दौरान पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर ही डोटासरा को जिम्मेदारी दी गई थी. उस समय के बाद से दोनों नेताओं के बीच रिश्तों में खटास मानी जा रही थी. लेकिन, हालिया मुलाकात ने संकेत दिए हैं कि दोनों अब पार्टी के भीतर नए तालमेल के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं.
विशेष बात यह भी रही कि पायलट के साथ पश्चिमी राजस्थान दौरे में पांच बड़े जाट नेता मौजूद थे, और जयपुर में डोटासरा से हुई मुलाकात ने इस समीकरण को और मजबूत कर दिया. इसे राजस्थान कांग्रेस में बदलते सियासी परिदृश्य की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.
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