राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर प्रदेश की राजनीति में अक्सर एक बड़ी चर्चा होती है, कि क्या सचिन पायलट को कभी राजस्थान की सरकार की कमान मिल पाएगी? दरअसल, 2018 के चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग गंभीरता से उठी थी. पायलट 2014 से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे और पार्टी की जीत में उनके नेतृत्व को बड़ा कारण बताया जा रहा था. लेकिन, पार्टी आलाकमान ने दिग्गज नेता अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की गद्दी देने का फैसला किया, और पायलट उपमुख्यमंत्री बनाए गए. सचिन पायलट के सामने आज, 11 दिसंबर को एक बार फिर उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना को लेकर सवाल किया गया. एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में सचिन पायलट के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे.
सचिन पायलट क्या सीएम बनेंगे?
मीडिया चैनल 'आज तक' के एक कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट और दिग्विजय सिंह, दोनों से सवाल किया गया कि सचिन पायलट के बारे में हमेशा कहा जाता है कि वह 'सीएम इन वेटिंग' हैं यानी उन्हें सीएम बनने का इंतजार करनेवाला नेता बताया जाता है. लेकिन, सचिन पायलट क्या कभी सीएम बनेंगे?
इस सवाल पर दिग्विजय सिंह से पहले सचिन पायलट ने ही जवाब देते हुए कहा, "इसका जवाब जनता के पास है, ना इनके पास है ना आपके पास है." हालांकि, दिग्विजय सिंह ने कहा कि सचिन पायलट को सीएम बिलकुल बनना चाहिए.
परिचर्चा के दौरान लोकसभा और बिहार तथा हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार को लेकर सवाल किए गए और पूछा गया कि पार्टी में अगर नई पीढ़ी को कमान नहीं दी गई तो संगठन कैसे बढ़ेगा?
कांग्रेस में युवा पीढ़ी को मौके क्यों नहीं?
इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस में हमेशा से नई पीढ़ी को दायित्व देने की परंपरा रही है. उन्होंने कहा," राजीव गांधी ने मुझे सिर्फ 38 साल की उम्र में मध्य प्रदेश जैसे राज्य में बड़े दिग्गजों के रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष की कमान दे दी थी. सचिन को भी 33 साल की उम्र में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का प्रमुख बना दिया. यह प्रकृति का नियम है कि पतझड़ के बाद नई कोपलें आती हैं. तो सचिन नई कोपल हैं."
वहीं सचिन ने भी कहा कि उन्हें भी काफी मौके मिले. उन्होंने कहा,"मुझे सोनिया जी ने 26 साल की उम्र में लोकसभा का टिकट दिया और मैं सांसद बना. केंद्र में मंत्री बना,प्रदेश अध्यक्ष बना और आज पार्टी महासचिव हूं."
सचिन पायलट ने बताई अपनी उम्र
हालांकि चर्चा के दौरान सचिन ने यह भी कहा कि अब उन्हें युवा नेता कहना उचित नहीं है. सचिन ने कहा,"मेरी उम्र अब 48 साल है, मैं शुद्ध रूप से युवाओं की श्रेणी में नहीं हूं. आप चाहे जो कहो, पर मैं जानता हूं कि बच्चे बड़े हो गए हैं." लेकिन, पायलट के इस जवाब पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि तुलनात्मक रूप से सचिन युवा नेता हैं.
वैसे, सचिन पायलट ने नेताओं को उम्र के खांचे में बांटे जाने पर असहमति जताते हुए कहा, "पार्टी मौका हरेक को देती है, पर दरार पैदा करने की कोशिश की जाती है बुजुर्गों और नौजवानों में बांटकर. देश को दोनों की जरूरत है, इसे लेकर हमारी पार्टी में कोई भेदभाव नहीं है."
सचिन ने कहा,"जब तक इंसान काम कर रहा है, योगदान दे रहा है, सक्रिय है, उसे काम करना चाहिए."
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