
Sanwaliya Seth: चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ (sanwalia seth temple ) का मासिक दानपात्र खोला गया है. अब तक दो दौर की गिनती हो चुकी है. अब तक 13 करोड़ 50 लाख रुपये के नोट गिने जा चुके हैं. इसके बाद आज (मंगलवार) तीसरे दौर की गिनती हो रही है.
पहले चरण की गिनती 22 अगस्त को हुई थी
पहले चरण की गिनती 22 अगस्त को हुई थी जिसमें 8.9 करोड़ रुपये के नोट गिने गए थे. 23 अगस्त को शनिवार और मासिक मेले के कारण अमावस्या होने के कारण दान की गिनती नहीं की गई थी. 24 अगस्त को बैंक की छुट्टी और रविवार होने के कारण दान की गिनती नहीं की गई थी. दूसरे चरण की गिनती सोमवार को हुई जो सुबह से शाम तक चली. इसमें 4.6 करोड़ रुपये गिने गए.
नोट गिनने में 100 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं
दान में मिले नोटों की गिनती के लिए 100 से ज़्यादा कर्मचारी तैनात किए गए हैं. इस भंडार में मिले दान की गिनती से पहले, उसमें मौजूद सोने-चांदी की छंटाई की जाती है। गिनती के पहले और दूसरे चरण में, नोटों के ढेर से पाँच सौ और सौ रुपये के बड़े नोटों के बंडल बनाए जाते हैं और फिर नोटों की गिनती की जाती है.

राशि की गिनती जारी
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5 से 6 चरणों में पूरा होता है दानपात्र की गिनती
आपको बता दें कि श्री सांवलिया सेठ के दर्शन के लिए यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं. सांवरा सेठ के भक्तों ने खुले दिल से चढ़ावा चढ़ाया है. श्री सांवलिया सेठ के दानपात्र से प्राप्त दान 5 से 6 चरणों में पूरा होता है. गत 22 अगस्त को चतुर्दशी के दिन श्री सांवलिया सेठ की राजभोग आरती के पश्चात मंदिर मंडल प्रशासन, मंदिर मंडल अध्यक्ष एवं सदस्यों की उपस्थिति में मासिक कोष खोला गया.
कड़ी सुरक्षा के बीच की जाती है गिनती
यह गणना मंदिर परिसर में ही बने चौक में कड़ी सुरक्षा के बीच की जाती है. जहां सीसीटीवी और मैनुअल कैमरों से निगरानी की जाती है. कहा जाता है कि श्री सांवलिया सेठ के भक्त अपने व्यापार में श्री सांवलिया सेठ को साझेदार बनाते हैं और वह हिस्सा तय करते हैं. मनोकामना पूरी होने पर भक्त श्री सांवलिया सेठ को अपने व्यापार में साझेदारी का हिस्सा चढ़ाने आते हैं. कई बार मनोकामना पूरी होने पर भक्त चांदी और सोने से बनी वस्तुएं भी चढ़ाते हैं.
राशि से होता है मंदिर के आसपास के 16 गांवों के विकास कार्य
अभी भण्डार से निकली राशि की ही गिनती चल रही हैं. भेंटकक्ष, ऑनलाइन, मनी ऑर्डर और कार्यालय में आने वाले चढ़ावें और सोना-चांदी का तौल और विदेशी मुद्राओं की गिनती होना भी बाकी हैं. इस राशि से श्री सांवलियाजी मन्दिर मण्डफिया के आस-पास के 16 गांवों में भी विकास कार्य करवाएं जाते हैं.
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