
Rajasthan News: राजस्थान के सवाई माधोपुर में गुरुवार रात को आपसी संघर्ष में बजरी माफिया की मौत के बाद डीजीपी यूआर साहू ने बड़ा एक्शन लिया है. डीजीपी ने पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीण लाभूराम बिश्नोई और थाना प्रभारी सुमन कुमार को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. दूसरी तरफ युवक की मौत कैसे हुई, इसका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार, बजरी के अवैध कारोबार में खुद पुलिसकर्मियों की मिली भगत सामने आ रही है. पैसों के लेनदेन को लेकर घटना घटित बताई जा रही है.
पैसे लेनदेन को लेकर थी तनातनी
ग्रामीणों और बजरी के कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि पैसे के लेनदेन को लेकर ही स्थानीय पुलिस और डीएसपी के बीच तनातनी चल रही थी. शुक्रवार को आंदोलन के दौरान ग्रामीण अधिकारियों के सामने चीख चीख कर कह रहे थे कि एक ट्राली निकालने के लिए 1000 रुपये पुलिस को दिया जाता है.
यह भी पता चला कि इसी 1000 रुपये को बांटने के लिए स्थानीय पुलिस और डीएसपी के बीच में पिछले कई दिनों से लगातार तनातनी चल रही थी. हालांकि अधिकारी और स्थानीय पुलिस गलत और झूठा बता रही है. ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर बताया कि कुछ पुलिसकर्मचारियों को मौके पर जाने से पहले पुलिस अधीक्षक की इजाजत आवश्यक है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. न ही अपना मूवमेंट बताया. ऐसे में इनकी भी जांच की जाए.
अब तक नहीं हुई कोई गिरफ्तारी
घटना के बाद बनास नदी में पूरी तरह सन्नाटा दिखाई दे रहा है. घटना के 40 घंटे से अधिक का समय बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक आगजनी के मामले में किसी भी बजरी माफिया को ट्रेस नहीं कर पाई है. न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई है.
आपसी संघर्ष में मृत सुरज्ञान मीना का शुक्रवार देर शाम को पोस्टमार्टम कर दिया गया. इसके बाद देर रात को परिजनों ने युवक का अंतिम संस्कार किया. मेडिकल रिपोर्ट आने पर ही युवक की मौत का सही कारण का पता चल सकेगा. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में अज्ञात वाहन के नीचे आकर युवक की मौत का प्राथमिक कारण माना है.
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