
Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर राष्ट्रीय अभ्यारण से विगत कुछ सालों से लगातार गायब होते बाघ-बाघिन ने चिंता बढ़ा दी है. बीते एक साल में 75 में से 25 टाइगर (Tiger) के लापता होने की खबर है. विभागीय मॉनिटरिंग में यह जानकारी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक एक साल में 11 बाघ को ट्रैक नहीं किया जा सका है, जबकि 14 बाघों के बारे में विभाग को कोई जानकारी नहीं मिली है. अब इस मामले में विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है.
विभाग की टाइगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट में हुआ खुलासा
बाघों के गायब होने का खुलासा टाइगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट में हुआ है. जिसके बाद अब वन विभाग हरकत में आया. राजस्थान के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने जांच को लेकर 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. जांच कमेटी दो माह में अपनी रिपोर्ट चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस में पेश करेगी. विभाग की 14 अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार रणथंभौर के लापता 11 बाघों के एक साल से अधिक समय से कोई पुख्ता साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं. साथ ही 14 बाघों की उपस्थिति के पुख्ता साक्ष्य एक साल से कम की अवधि में भी नहीं मिले हैं.
लापरवाही पाए जाने पर किसी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ होगी कार्रवाई
इसी के चलते चीफ वाइल्ड लाइफ ऑफिसर ने आदेश जारी किया, जिसके अनुसार जांच कमेटी में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव अध्यक्ष, वन संरक्षक ड़ॉ. टी मोहनराज (जयपुर) और मानस सिंह उपवन संरक्षक (भरतपुर) को सदस्य नियुक्त किया है. यह जांच कमेटी बाघों के लापता होने के बाद सीसीएफ रणथम्भौर की ओर से बाघों को खोजने के लिए किए गए प्रयासों की जांच करेगी. इसी के साथ ही कमेटी किसी भी अधिकारी और कर्मचारी की लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव प्राधन मुख्य वनसंरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पेश करेगी. कमेटी की ओर से रणथम्भौर की व्यवस्थाओं में खामियों को दूर करने लिए अपने सुझाव भी रिपोर्ट में देगी. जरूरत पड़ने पर यह जांच कमेटी विशेषज्ञों की राय भी ले सकती है.
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