
Rajasthan Corruption News: राजस्थान के धौलपुर के बाड़ी पंचायत समिति में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. पंचायत समिति में करोड़ों के घोटाले के बारे में राज्य सरकार को शिकायत की गई थी. जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार की योजना स्वच्छ भारत मिशन अभियान समेत कई योजनाओं में करोड़ों के घपले के बारे में बताया गया है. शिकायत मिलने के बाद राज्य सरकार की ओर से एक 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया जिसे बाड़ी पचायत समिति में जांच के लिए भेजा गया है. वहीं, जांच की बात सुनकर यहां के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.
बताया जा रहा है कि जांच करने वाली टीम ने पंचायत समिति के सभी रिकॉर्ड को जब्त कर लिया है. अब आगे की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी. वहीं जांच टीम जैसे ही पंचायत समिति पहुंची तो यहां कार्यालय में कर्मचारियों के बीच अफरा तफरी मच गई.
नियम के विरुद्ध ठेकेदारों को भुगतान किया गया
जांच टीम के प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि बाड़ी पंचायत समिति में केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आवंटित राशि में विकास अधिकारी द्वारा अन्य मदो में चहेते ठेकेदारों को नियम विरुद्ध भुगतान किया गया है. जिसकी शिकायत है, साथ में पंचायत समिति मद से कराए गए विकास कार्यों में अधिकांश कार्य धरातल पर नहीं किए गए हैं. पंचायत समिति क्षेत्र में जो जल ग्रहण ढांचे बनाए गए हैं. वह पहले वन विभाग द्वारा निर्मित किए गए थे. उक्त मामलों को लेकर जो शिकायत की गई है. उस शिकायत के आधार पर शासन उपसचिव पंचायत राज विभाग जयपुर द्वारा जिला परिषद को निर्देश दिए गए थे. ऐसे में उक्त मामलों की जांच को लेकर पंचायत राज विभाग के मंत्री द्वारा उसकी रिपोर्ट मांगी गई है.
जिला परिषद सीओ सुदर्शन सिंह तोमर ने उनके नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसने मंगलवार से जांच शुरू कर दी है. हालांकि उक्त जांच को लेकर एक दिन का ही समय दिया गया है लेकिन उक्त जांच कम से कम दो से तीन दिन में पूर्ण हो पाएगी. जांच अधिकारी ने बताया पंचायत समिति के सभी रिकार्ड को कब्जे में लेकर जब्त कर लिया गया है.
कर्मचारियों में मची खलबली
भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने जैसे ही 10 सदस्य टीम पहुंची तो पंचायत समिति के कर्मचारियों में खलबली मच गई. कुछ कर्मचारी तो अपनी टेबलों को छोड़कर कार्यालय से भी चले गए. पंचायत समिति में भ्रष्टाचार के मामलों की आवाज शुरू से उठ रही थी. कई मर्तबा स्थानीय लोगों ने भी जिला प्रशासन को शिकायत देखकर अवगत कराया था.
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