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SDM प्रियंका बिश्नोई की मौत के एक महीने बाद कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज , सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट अब तक नहीं आई सामने

आरएएस प्रियंका बिश्नोई का गत 19 सितम्बर को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी. उससे पहले जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था.

SDM प्रियंका बिश्नोई की मौत के एक महीने बाद कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज , सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट अब तक नहीं आई सामने

RAS Priyanka Bishnoi: राजस्थान की होनहार RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की बीते सितंबर महीने में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जोधपुर के SDM के रूप में पदस्थापित प्रियंका बिश्नोई की मौत को लेकर अस्पताल की लापरवाही सामने आई थी. जिसके बाद जिला कलेक्टर और फिर राज्य सरकार के स्तर पर उच्च स्तरीय कमेटी गठन कर जांच के आदेश दिये थे. जिला स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट आई थी जिसमें जांच की आशंका जाहिर की गई थी. इस पर राज्य स्तरीय कमेटी बनाई गई. लेकिन इसकी रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई. वहीं परिजनों को न्याय मिलता नहीं देख उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

अब जोधपुर महानगर मजिस्ट्रेट संख्या-8 ने निजी अस्पताल के चिकित्सक के ​खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए है. जिस पर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में मामला दर्ज हो गया है. आरएएस प्रियंका बिश्नोई का गत 19 सितम्बर को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी. उससे पहले जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था.

कमेटी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई

दरअसल, जोधपुर में 6 सितंबर को प्रियंका बिश्नोई का वसुंधरा अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था. अगले दिन इलाज के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद विश्नोई को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया. जहां करीब 10 दिन तक उनका इलाज चला, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ. 19 सितंबर की सुबह उनकी मौत हो गई. मौत के बाद परिजन व समाज के लोग आक्रोशित हुए, एम्स से शव नहीं उठाया तो जिला कलेक्टर ने जोधपुर के मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स की कमेटी बनवाकर मामले की जांच करवाई थी. इसमें अस्पताल की कोई बड़ी लापरवाही का उल्लेख नहीं किया गया. परिजन इससे संतुष्ट नहीं थे तो राज्य सरकार ने जयपुर व जोधपुर एम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम बनाकर मामले की पुन: जांच करवाई थी. इस कमेटी की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है.

इससे आहत होकर प्रियंका के ससुर सहीराम बिश्नोई ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उनकी पुत्रवधु के इलाज में वसुंधरा अस्पताल ने लापरवाही बरती. एक छोटे आपॅरेशन के दौरान प्रियंका को ब्रेन हेमरेज हो गया और अस्पताल ने इस बात को छुपा कर रखा. अस्पताल की इस गलती के कारण ही उनकी पुत्रवधु की मौत हुई. कोर्ट ने मामले में माकूल कारण मानते हुए चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए, जिसके बाद शुक्रवार देर शाम को मामला दर्ज कर लिया गया.

पुलिस करेगी अब जांच

जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने आरएएस प्रियंका विश्नोई के इलाज में लापरवाही की शिकायत की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे. वसुंधरा अस्पताल में दिए गए उपचार की जांच के लिए डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने डॉ. रंजना देसाई, डॉ. इंदु थानवी, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. शुभकरण खिंचड़ और डॉ. नवीन पालीवाल को कमेटी में शामिल किया था. इसी मामले को लेकर अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ जोधपुर महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 8 में याचिका दायर की गई थी. शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए जोधपुर महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 8 ने अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अब इस मामले में पुलिस जांच शुरू करेगी.

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