SI Paper Leak Case: सोमवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. यानी अंतिम फैसला आने तक ट्रेनिंग ले रहे एसआई की पासिंग आउट परेड नहीं हो पाएगी. न ही उन्हें फील्ड पोस्टिंग दी जाएगी. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने गृह विभाग के प्रधान सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव, डीजीपी, एसओजी के एडीजी समेत अन्य को शॉर्ट नोटिस दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी.
'भर्ती में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी'
कैलाश चंद्र शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश दिए. याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने बताया कि हमने अपनी याचिका में भर्ती रद्द करने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि इस भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई.
जांच एजेंसी एसओजी, पुलिस मुख्यालय ने भी अपनी तरफ से भर्ती रद्द करने की अनुशंसा की है. बावजूद इसके परीक्षा रद्द क्यों नहीं हो रही? इस बीच भर्ती रद्द कराने की मांग को लेकर कई युवा मंत्रियों से मिल रहे हैं. दरअसल, कैबिनेट की बैठक 20 तारीख को होनी है.
आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई
युवा मंत्रियों से मिलकर उन्हें अपनी बात समझा भर्ती रद्द करने का दबाव बना रहे हैं. विकास बिधूड़ी इन युवाओं की आवाज लगातार उठा रहे हैं. वे कहते हैं, "इस भर्ती में परीक्षा कराने वाली एजेंसी ही विफल हुई है. कोई कारण नहीं है कि इस भर्ती को रद्द न किया जाए. हम सभी लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
सरकार को भर्ती रद्द करनी चाहिए. इस मामले में अब तक 50 ट्रेनी एसआई गिरफ्तार किए जा चुके हैं. 20 आरोपियों की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस पर भी जल्द फैसला आ सकता है. पिछले दिनों निचली अदालत ने रामू राम राईका की जमानत याचिका खारिज की थी.
एसओजी ने एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 20 आरोपियों के खिलाफ 29 अक्टूबर को चार्जशीट पेश की थी. चार्जशीट में एसओजी ने बड़े खुलासे किए हैं. एसओजी की चार्जशीट के मुताबिक इस पूरे मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन संजय क्षोत्रिय से लेकर सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्या, जसवंत राठी सबकी भूमिका संदेहास्पद है. इन सभी ने रामू राम राईका के बेटे, बेटियों को फायदा पहुंचाया है.