Tonk Bindori News: सीकर जिले में एक पिता ने समाज में महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण पेश किया है जिसकी चर्चा पूरे राजस्थान में हो रही है.शहर के बागड़िया परिवार ने अपनी दोनों बेटियों की बिंदौरी निकाली है. यह बिंदौरी बागड़िया परिवार ने तीन दिनों तक निकाली है.
दो बेटियों की निकाली बिंदौरी
शहर के रमेश बागड़िया ने अपनी दो बेटियों की शादी के अवसर पर पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए उन्हें घोड़ी पर बिठाकर उनकी बिंदौरी निकाली, जो आमतौर पर बेटों की शादी में ही निकाली जाती है.

रिश्तेदारों ने भी खूब आनंद उठाया
Photo Credit: NDTV
तीन दिनों तक लगातार निकाली गई बिंदौरी
यह बिंदोरी तीन दिनों तक लगातार निकाली गई. यह शहर के मुख्य बाज़ारों से निकाली गई. जिसमें माता-पिता के साथ-साथ परिवार के अन्य रिश्तेदारों ने भी खूब आनंद उठाया. शहर के लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा करके बागड़िया परिवार की इस पहल का स्वागत किया.
बेटियों को बेटों जैसी ही शिक्षा मिली है
बिंदोरी के बारे में रमेश बागड़िया ने कहा कि इसका उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदलना है. उन्होंने आगे कहा कि उनके परिवार ने कभी बेटे और बेटी में भेदभाव नहीं किया. उन्होंने अपनी दोनों बेटियों को वही शिक्षा दी है जो परिवार के बेटों को मिली है.
बेटियां "पराया धन" नहीं बल्कि असली ताकत
आज बेटियां शिक्षा, खेल और व्यवसाय जैसे हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं, इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि नहीं बल्कि परिवार और समाज की असली ताकत हैं.

बेटियां "पराया धन"
Photo Credit: NDTV
सामाजिक संगठनों ने सराहना की तारीफ
उधर, शहर के लोगों ने भी रमेश बागड़िया की इस पहल और नई सोच को "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" अभियान का सच्चा उदाहरण बताया.सामाजिक संगठनों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर हर पिता अपनी बेटियों को समान सम्मान और अवसर दे, तो लैंगिक भेदभाव की दीवारें अपने आप ढह जाएगी.
यह भी पढ़ें: शिक्षा विभाग की मेहरबानी! 4 साल गायब रही टीचर, हर महीने आती रही सैलरी; 24.76 लाख लेकर फरार