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Rajasthan: कोटा की राह पर सीकर? दो दिन में 2 स्टूडेंट सुसाइड, NDTV की रिपोर्ट के बाद एक्शन में प्रशासन

Student Suicide in Sikar: राजस्थान के सीकर जिले में बीते दिनो हुए 2 छात्रों के आत्महत्या मामले में अब प्रशासन हरकत में आ गया है. एसडीएम शहर ने एक बड़ी बैठक कर छात्रों के लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: 'कोचिंब हब' बनने की राह पर जा रहे सीकर (Sikar) में दो दिन में 2 छात्रों ने सुसाइड कर लिया है. आत्महत्या के इन मामलों ने ना सिर्फ प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि लोगों के जहन में भी कई संदेह पैदा कर दिया है. आज गली-मोहल्ले से लेकर सोशल मीडिया तक सिर्फ एक ही सवाल की चर्चा है- क्या सीकर भी कोटा की राह पर चल पड़ा है? इस जैसे तमाम सवाल के जवाब जनता तक पहुंचाने के लिए NDTV ने ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की है, जिसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया है और इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है.

29 को एडमिशन, 30 में किया सुसाइड

जिन दो छात्रों ने सुसाइड किया है, उनमें एक नाम करौली के छोटे से गांव में रहने वाले शैलेश सैनी का भी है, जिसने सीकर के एक स्कूल में एडमिशन लेने के अगले ही दिन सुसाइड कर लिया. 15 वर्षीय शैलेश सैनी पढ़ाई में अच्छा था, इसीलिए उसके किसान पिता ने कई उम्मीदों के साथ उसका घर से दूर 10वीं में एडमिशन कराया था, ताकि वो आगे कोचिंग लेकर नीट या इंजीनियरिंग की तैयारी कर सके. 29 जून को एडमिशन कराकर उसके पिता वापस करौली चले गए. इसके बाद 30 जून देर रात हॉस्टल के कमरे में शैलेश ने अपनी जान ले ली. 

सुसाइड से पहले घरवालों से की थी बात

शैलेश के पिता हलकेश सैनी ने बताया, '6 बच्चों के परिवार में शैलेश दूसरे नंबर का बेटा था. शैलेश का बड़ा भाई अहमदाबाद में मजदूरी करता है. वे अपने बच्चे को राजी खुशी छोड़ के गए थे. हॉस्टल वालों ने पूरा आश्वासन दिया कि वो उसका ध्यान रखेंगे. दिन में दो से तीन बार वार्डन जाकर उसे मिला करेगी. लेकिन बच्चे की मृत्यु की सूचना भी पुलिस ने उन्हें दी. यह हॉस्टल वालों की लापरवाही है.' वहीं शैलेश के बड़े भाई ने कहा, 'हमने गुरुकृपा आस्था अकादमी में शैलेश का एडमिशन करवाया था. उस वक्त स्टाफ ने बताया था कि हम बच्चे को 2-3 बार चेक करते हैं. इसीलिए यहां डेढ़ लाख की फीस थी. रविवार शाम को शैलेश ने हमें फोन किया था और रात में खत्म हो गया.'

अपने कमरे में जाते ही लगा ली फांसी

सुसाइड का दूसरा केस विशाल यादव का है, जो नीट फाउंडेशन कोर्स की तैयारी करने के लिए जयपुर के हिंगोनिया से सीकर आया था. 26 जून को उसने 11वीं कक्षा की पढ़ाई के साथ मेडिकल की तैयारी करने के लिए गुरुकृपा कैरियर इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया था. इस इंस्टिट्यूट की आस्था एकेडमी के पीछे ही उसे एक मकान भी मिल गया था, जिसमें वो अपने छोटे भाई के साथ किराए पर रह रहा था. लेकिन 1 जून की सुबह विशाल यादव अपने छोटे भाई को कमरे में सोने की बात कहकर अंदर चला गया और फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.

गुरुकृपा कैरियर इंस्टीट्यूट के दोनों छात्र

दोनों ही मृतक छात्र गुरुकृपा कैरियर इंस्टीट्यूट के हैं. इन दोनों के ही पास से किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. माना जा रहा है कि दोनों मृतक छात्रों का यहां मन नहीं लगा, जिसके चलते दोनों छात्रों ने सुसाइड कर लिया. उद्योग नगर थाना पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को एसके अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है, जहां पर परिजनों के आने के बाद ही दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. फिलहाल पुलिस दोनों मामलों की जांच करने में डटी हुई है.

सीकर में नहीं हो रहा गाइडलाइन का पालन

पिछले कुछ सालों में सीकर भी कोटा की तर्ज पर कोचिंग व्यवसाय में अपना नाम बनाने लगा है. पिछले 5 साल में आधा दर्जन से ज्यादा NEET और IIT की तैयारी करने वाले बड़े-बड़े संस्थानों ने यहां इंस्टीट्यूट खोले हैं. नीट और मेडिकल की तैयारी में प्रेशर रहता ही है. कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ ही बच्चे पर घर की तरफ से भी प्रेशर होता है ताकि वे सफलता की कसौटी पर खरे उतर सके. ऐसे में अगर नंबर कम आ जाएं तो स्ट्रेस बढ़ जाता है. हैरत की बात है कि कोचिंग हब की राह पर जा रहे सीकर में सरकार ने कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की है. कोचिंग में एडमिशन के लिए उम्र तय होना, पूरी पढ़ाई करने के बाद ही कोचिंग में दाखिला और जिस छात्र की रुचि हो मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए उससे ही एडमिशन दिया जाये. ये कुछ वो गाइडलाइन हैं जो केंद्र सरकार ने जारी की हैं. लेकिन फिलहाल इसकी पालना नहीं होती दिख रही है.

NDTV की रिपोर्ट के बाद एक्शन में आया प्रशासन

बीते दिनों हुई दो छात्रों की सुसाइड की घटना के बाद अब प्रशासन हरकत में आ गया है. कोचिंग छात्रों की समस्याओं पर अधिकारियों ने मंथन करके के लिए एक बैठक की है, जिसमें कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण कसने व विद्यार्थियों को मानसिक संभल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई निर्देश दिए गए हैं. एडीएम शहर हेमराज की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान एक टोल फ्री नंबर 01572-251008 भी जारी किया गया है, जिसके जरिए छात्र परामर्श ले सकेंगे. इस नंबर पर विद्यार्थी कॉल कर अपनी शिकायत, समस्या, मानसिक तनाव या अवसाद की जानकारी दे सकते हैं. छात्रों की समस्या या शिकायत का त्वरित समाधान किया जाएगा. साथ ही मानसिक तनाव या अवसाद की स्थिति में मनोचिकित्सा के या काउंसलर से उसकी काउंसलिंग भी करवाई जाएगी.

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