Rajasthan: शेरनी तारा के शावक के लिए अमेरिका से दूध आता है, जिसकी कीमत 20 हजार रुपए प्रति लीटर है. शुरू में एक दिन में 30 से 400ML दूध पिलाया जाता था. अब रोज 1 लीटर दूध पिलाया जा रहा है. शेरनी तारा ने दो महीने पहले शावक को जन्म दिया था. तारा ने अपने शवक को अलग कर दिया. उसे दूध पिलाना छोड़ दी थी. उसे मां का दूध नहीं मिल पाया. स्टाफ ने बायोलॉजिकल पार्क के स्टाफ इसक ख्याल रख रहे हैं.
डॉ. अरविंंद माथुर शावक का करते हैं देख-भाल
DCF जगदीश गुप्ता ने मीडिया को बताया कि शावक के लिए अमेरिका से विशेष दूध मंगाया जाता है. उसे ही पिलाया जाता है. डॉक्टर अरविंद माथुर बच्चे की तरह शावक को रोज बोतल में दूध पिलाते हैं. इस दूध में शेरनी के दूध की तरह ही सभी तत्व होते हैं. भारत में ये दूध नहीं मिलता है. अमेरिका में लोग शेरों को पालते हैं, इसलिए वहां आसानी से दूध मिल जाता है.
वन विभाग दूध को स्टॉक में रखता है
इस दूध को वन विभाग पहले से स्टॉक में रखा जाता है. कोई शावक अपनी मां से अलग होने पर उसे यही दूध पिलाया जाता है. मां का दूध नहीं मिलने के कारण शावक बहुत कमजोर हो गई थी, इसलिए इसे यह दूध पिलाना बहुत ज्यादा जरूरी था. इसकी वजह से शावक की जान बच पाई.
कुछ दिन बाद शावक को मांस का टुकड़ा दिया जाएगा
इंसानों के बच्चों के जैसे समय के साथ डाइट बढ़ाई जाती है, उसी तरह शावक की डाइट दूध के साथ बढ़ाई जा रही है. उसे दूध के साथ अब चिकन सूप पिलाया जा रहा है. कुछ दिन बाद मांस के टुकड़े भी डाले जाएंगे. शावक को अलग कमरे में रखा गया है. अकेला महसूस न हो इसके लिए टेडी बियर रखा गया है. सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे निगरानी हो रही है.
शावक को बचाना चुनाैती से कम नहीं था
तारा के शावक का वजन केवल 990 ग्राम था. जबकि कैप्टिविटी और वाइल्ड में शावक का वजन एक किलो से अधिक होता है. शावक के लिए 7 से 10 दिन बहुत महत्वपूर्ण थे. इसे बचाना किसी चुनौती से कम नहीं था.
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