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मारपीट के मामले में पूर्व विधायक मलिंगा की बढ़ी मुश्किल! सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर करने का दिया आदेश

Dholpur News: धौलपुर के बाड़ी में सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ मारपीट के आरोप में केस दर्ज किया गया था. आरोप है कि पूर्व विधायक अपने साथियों के साथ अभियंता के कार्यालय में घुस गया, जहां उसने हर्षाधिपति पर कुर्सी से हमला किया. निर्वाचन क्षेत्र से बिजली के ट्रांसफार्मर हटाने के लिए कह रहे तत्कालीन विधायक को हर्षाधिपति ने मना किया था. आरोप है कि इसके बाद मलिंगा ने जातिसूचक गालियां दी.

मारपीट के मामले में पूर्व विधायक मलिंगा की बढ़ी मुश्किल! सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर करने का दिया आदेश

SC Decision on giriraj singh malinga: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया. राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दी गई पूर्व विधायक की जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार रद्द करने के फैसले के बाद सरेंडर करने का निर्देश दिया. जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यम और अरविंद कुमार की बेंच ने मलिंगा की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को लंबित रखा और उनके सरेंडर के 4 हफ्ते बाद इस पर आगे की सुनवाई की तारीख तय की. बता दें कि 28 मार्च, 2022 को गिरिराज सिंह मलिंगा (Giriraj singh Malinga) के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 332, 353, 504, 506 और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1) (आर), 3(1) (एस), और 3(2) (वीए) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

धौलपुर के बाड़ी में सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ मारपीट के आरोप में केस दर्ज किया गया था. आरोप है कि पूर्व विधायक अपने साथियों के साथ अभियंता के कार्यालय में घुस गया, जहां उसने हर्षाधिपति पर कुर्सी से हमला किया. निर्वाचन क्षेत्र से बिजली के ट्रांसफार्मर हटाने के लिए कह रहे तत्कालीन विधायक को हर्षाधिपति ने मना किया था. आरोप है कि इसके बाद मलिंगा ने जातिसूचक गालियां दी. 

दो साल पहले मलिंगा ने रिहाई मिलने पर मनाया था जश्न

दो साल पहले 17 मई, 2022 को राजस्थान उच्च न्यायालय ने मलिंगा को जमानत दी थी. न्यायिक सहयोग के आधार पर जमानत बढ़ा दी गई. कुछ ही समय बाद, मलिंगा की रिहाई के बाद सार्वजनिक जश्न मनाया गया, जिसमें एक रोड शो भी शामिल था. इस दौरान उन्होंने कथित तौर डराने-धमकाने वाले बयान दिए. इसके बाद 24 मई को शिकायतकर्ता ने जमानत रद्द करने की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने चिंता जाहिर की थी कि रिहाई के बाद मलिंगा जनता की राय को प्रभावित करने और डराने-धमकाने के माध्यम से न्याय प्रक्रिया को कमजोर कर सकता है. 

इस साल सुप्रीम कोर्ट ने मलिंगा को दी थी राहत

इसी साल 5 जुलाई को जमानत के बाद मलिंगा के सार्वजनिक आचरण (भड़काऊ टिप्पणियां और शक्ति प्रदर्शन शामिल) के साक्ष्य और आरोपों को ध्यान में रखते हुए  राजस्थान उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत रद्द कर दी और उन्हें 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. जिसके बाद 22 जुलाई 2024 को मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अस्थायी राहत देते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी.

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