Rajasthan Teacher Retirement: राजस्थान अपने राजे-रजवाड़ों के साथ-साथ राजसी शौक और शोहरत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं. राजे-रजवाड़ों का दौर अब भले चला गया हो लेकिन राजस्थान के लोगों के राजसी शौक अलग-अलग मौकों पर सामने आते रहते हैं. भांजे की शादी में करोड़ों का मायरा रहना हो या फिर नौकरी से रिटायरमेंट पर दर्जनों चमचमाती गाड़ियों के काफिले के साथ शाही विदाई. लेकिन अब राजस्थान से एक ऐसी शाही विदाई की कहानी सामने आई है, जो अपने आप में सबसे अलग है.
रिटायरमेंट पर मंगवाया हेलीकॉप्टर, फिर पूरे परिवार हुए सवार
यह कहानी है एक शिक्षक की, जिन्होंने दो शादियां की है. शिक्षक की दोनों पत्नियों को हवाई सफर का शौक था. ऐसे में मास्टर साहब ने अपने रिटायरमेंट में कुछ ऐसा कर दिया, जो सालों तक याद रखा जाएगा. दरअसल शिक्षक ने अपने रिटायरमेंट पर हेलीकॉप्टर को मंगवाया. फिर उसमें पूरे परिवार सवार होकर स्कूल से विदा हुए.
राजस्थान के पिछड़े जिले डूंगरपुर से सामने आई कहानी
शिक्षक की यादगार विदाई की यह कहानी राजस्थान के डूंगरपुर जिले से सामने आई है. यूं तो डूंगरपुर की गिनती प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में होती है. लेकिन डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा ब्लॉक क्षेत्र में रास्तापाल निवासी प्रेमनाथ कलासुआ ने अपने रिटायरमेंट पर हेलीकॉप्टर मंगवा कर सबको चकित कर दिया.
उच्च माध्यमिक विधालय नयागांव खरपेड़ा में शिक्षक थे प्रेमनाथ
प्रेमनाथ कलासुआ डूंगरपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय नयागांव खरपेड़ा में शिक्षक के पद पर थे. बीते दिनों उन्होंने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेकर अहमदाबाद पहुंचे. अपने स्वैच्छिक सेवानिवृत्त कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए इन्होंने अहमदाबाद से किराए पर हेलीकॉप्टर लिया.
अहमदाबाद से उड़ान भर कर रास्पापोल खेल मैदान पहुंचा हेलीकॉप्टर
जिसमें प्रेमनाथ कलासुआ के साथ उनकी दोनों पत्नियां बबली देवी, नयना देवी, पुत्री लक्ष्मी कलासुआ और भाई वखतराम सवार हुए. हेलीकाप्टर में बैठ कर अहमदाबाद से उड़ान भर सीमलवाड़ा कस्बे के ऊपर से गुजर कर रास्तापाल खेल मैदान में बनाए हैलीपेड पर हेलीकॉप्टर को उतारा गया.
हेलीकॉप्टर को देखने के लिए जुटी हजारों की भीड़
जब गांव में हेलीकॉप्टर पहुंचा तो इसे देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुट गई. ग्रामीणों में काफी उत्साह नजर आया और खेल मैदान में मेले जैसा माहौल बन गया. वीर शहीद कालीबाई के परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रेमनाथ कलासुआ ने हेलीकॉप्टर से उतर कर अपने परिजनों के साथ वीर शहीद कालीबाई कलासुआ और नाना भाई खाँट स्मारक पहुंच दोनों प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया.
शिक्षक बोले- पत्नियों को हवाई सैर कराने का था शौक
वहीं गुजरात से बुलाए परम्परागत गैर नृत्य कलाकारों ने माहौल को ओर भी जोश भर दिया. इस दौरान प्रेमनाथ कलासुआ ने कहा कि वो विदेश की यात्रा कर चुके हैं, जिसके माध्यम से सपना देखा था कि दोनों पत्नियों को भी एक बार हवाई सैर कराएंगे. सरकारी नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त होकर इस पल को यादगार बनाने सपने को साकार किया है. इस दौरान सीमलवाड़ा के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मण कुमार डामोर, एसीबीईओ धनपाल भोई, सरपंच संजय कलासुआ सहित जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.
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