
Rajasthan News: राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी से जहां स्कूली बच्चों से भरा टेंपो पलट गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार दर्दनाक हादसे में एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि कुल 11 बच्चे घायल हुए है. हादसे में घायल 11 बच्चों को हादसे के बाद मेड़ता उपजिला चिकित्सालय लाया गया. बताया जा रहा है कि यह घटना लापोलाई गांव के दरियाव शिक्षण संस्थान का बताया जा रहा. बच्चों को लाते समय रालीयावता फांटा के पास बच्चों से भरी टेंपो पलट गई. वहीं बच्चों के पहुंचने पर मेड़ता उप जिला अस्पताल में कोहराम मच गया परिजनों और ग्रामीणों की भारी भीड़ लग गई. मौके पर मेड़ता पुलिस भी मौजूद है.
बच्ची की मौत से मचा कोहराम
नागौर जिले के मेड़ता उपखंड थाना क्षेत्र के लामपोलाई गांव स्थित दरियाव शिक्षण संस्थान के स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के लिए लगे टेंपो पलटने से बड़ी सड़क दुर्घटना हुई. इसके बाद स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्र की मौके पर ही मौत हो गई. जिससे अस्पताल में कोहराम मच गया. वहीं 11 बच्चे जो दुर्घटना में घायल हुए उनका इलाज किया गया. जिसके बाद बच्चों को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई जबकि कुछ बच्चों का उपचार अभी तक जारी है.
यह हादसा रालियावता के पास स्कूली टेंपो पलटने से हुआ हादसे के बाद मेड़ता सिटी थाना अधिकारी को इस घटना की सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे. जहां से घायल बच्चों को मेड़ता हॉस्पिटल 11 बच्चों को लाया गया.
लापरवाही का आरोप
लोगों का कहना है कि लापरवाही के चलते टेंपो पलट गया. इस पूरे मामले को लेकर परिजनों ने मेड़ता सिटी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. इसके बाद पूरी घटना की जांच पड़ताल की जा रही है.
इस पूरे मामले में बाल कल्याण समिति नागौर के मनोज सोनी का कहना था कि पूर्व में भी इस प्रकार के हादसों को देखते हुए स्कूल में बच्चों को लाने ले जाने के लिए प्रयोग की जाने वाली बाल वाहन को लेकर कई बार चर्चा की गई. बच्चों के सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. आज एक लांपोलाई के दरियाव शिक्षण संस्थान की बाल वाहिनी के दुर्घटना ग्रस्त होने का मामला सामने आया था, जिसको लेकर संबंधित आरटीओ नागौर पुलिस से बात की गई. इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार ही बाल वाहिनियों का प्रयोग किया जाए इसको सुनिश्चित करने की बात की गई है. जल्द ही सभी शिक्षण संस्थानों में प्रयोग की जा रही बाल वाहिनियों का निरीक्षण किया जाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. यदि इनमें कमी पाई जाती है तो संबंधित शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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