
Madan Dilawar News: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान का हर बच्चा पढ़े. शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी मिलें. इसमें परिवार और विद्यालय दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. बच्चों में किताबों के साथ नैतिक मूल्यों, अनुशासन, आचरण और व्यवहारिक ज्ञान एवं माननीय मूल्यों का समावेश हो, इसके लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से राज्य सरकार शैक्षणिक व्यवस्था को और मजबूत बना रही है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सभी संवर्गों की डीसीपी कराई जा रही हैं. आगे अप्रैल माह से विभिन्न संवर्गों की डीपीसी कराकर विद्यालयों में सभी पदों को चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा. थर्ड ग्रेड शिक्षकों की डीपीसी भी जल्द कराएंगे. साथ ही, गत सरकार में हुई पदोन्नतियों में सामने आई अनियमितताओं की जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएंगी.
शिक्षा विभाग को मिला अनुदान
मदन दिलावर मंगलवार को विधान सभा में शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे. चर्चा के बाद सदन ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग की 218 अरब 82 करोड़ 20 लाख 69 हजार रूपये एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग की 288 अरब 30 करोड़ 94 लाख 49 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं.
शिक्षा मंत्री ने चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारियों से आग्रह किया कि शिक्षक की बीएलओ ड्यूटी नजदीक ही लगाई जाए, ताकि वे विद्यालय में अध्यापन व्यवस्था भी सुव्यस्थित कर सकें. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सभी स्कूलों को क्रमोन्नत करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
बिना पेपरलीक कराई रीट परीक्षा
मदन दिलवार ने कहा कि रीट परीक्षा सीएम के निर्देशन और निगरानी में 27-28 फरवरी, 2025 को हुई, जिसमें फरवरी 13 लाख 77 हजार ने परीक्षा दी. प्रदेश में अनैतिक गतिविधियों की सूचना प्राप्त नहीं हुई है. गोपनीय तरीके से परीक्षा हुई. प्री डीएलएड परीक्षा-2024 भी कराई है.
''विद्यालय बंद नहीं, बल्कि व्यवस्थाएं बेहतर बनाई हैं''
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने विद्यालयों को बंद नहीं किया, बल्कि बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था सुनिश्चित की है. प्रदेश में 369 विद्यालय में शून्य नामांकन, 81 विद्यालय एक ही परिसर अथवा 100 मीटर की परिधि में संचालित थे. सहशिक्षा के विद्यालय में बालक और बालिकाएं दोनों अध्ययनरत है और बालिका विद्यालय में भी बालिकाओं के साथ बालक भी अध्ययनरत थे.
उन विद्यालयों के एक ही परिसर होने से दोनों विद्यालयों को पर्याप्त शिक्षक, संसाधन उपलब्ध होने के साथ-साथ बालिकाओं को सभी अतिरिक्त विषय और संकाय पढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे.
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