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Khet Singh Murder Case: 'आपके पास 4 बजे तक का समय है', पुलिस को अल्टीमेटम, धरने पर बैठे हजारों लोग

Jaisalmer Killing: अब यह सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं रहा, बल्कि पूरे समाज का गुस्सा बन गया है.

Khet Singh Murder Case: 'आपके पास 4 बजे तक का समय है', पुलिस को अल्टीमेटम, धरने पर बैठे हजारों लोग
जैसलमेर में हजारों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस हाई अलर्ट पर

Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर जिले में हुए खेत सिंह हत्याकांड (Khet Singh Murder Case) का मामला अब एक बड़े जन आंदोलन का रूप ले चुका है. इंसाफ की मांग को लेकर गुरुवार सुबह डांगरी गांव में सर्व समाज के हजारों लोग इकट्ठा हुए और धरना-प्रदर्शन (Dangri Protest) शुरू कर दिया है. हालात की गंभीरता को देखते हुए धरना स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे.

स्थानीय नेताओं का मिला साथ

अब यह सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं रहा, बल्कि पूरे समाज का गुस्सा बन गया है. धरना स्थल पर मौजूद हमारे संवाददाता श्रीकांत व्यास ने बताया कि इस आंदोलन का नेतृत्व स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि कर रहे हैं, जिससे प्रशासन पर दबाव और बढ़ गया है. धरने में पूर्व विधायक सांग सिंह, भाजपा नेता और राजपरिवार के सदस्य विक्रम सिंह नाचना, और खेत सिंह के परिजन भैरो सिंह व हाथी सिंह मुलाना शामिल हैं. 

आज शाम 4 बजे तक का अल्टीमेटम

बाड़मेर से भी भाजपा नेता स्वरूप सिंह खारा अपने समर्थकों के साथ काफिले में यहां पहुंचे हैं. नेताओं और परिजनों ने प्रशासन को शाम 4 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. उनकी मांग है कि इस समय सीमा के भीतर हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों और साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाए.

आंदोलन की प्रमुख मांगें

धरने पर बैठे लोगों की सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई प्रमुख मांगें हैं:

  1. प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा है कि शाम 4 बजे तक पुलिस को सभी आरोपियों और इस साजिश में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार करना होगा.
  2. इस मामले के आरोपियों द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण पर भी कार्रवाई की मांग उठी है. 
  3. सबसे बड़ी और भावनात्मक मांग यह है कि वन्यजीवों की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले खेत सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि खेत सिंह ने हिरण का शिकार करने से रोककर बहादुरी का परिचय दिया, जिसके लिए उन्हें यह सम्मान मिलना चाहिए.

परिजनों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जब तक इन सभी मांगों पर प्रशासन से कोई ठोस सहमति नहीं बनती, तब तक यह धरना जारी रहेगा.

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