Dungari Dam: डूंगरी बांध परियोजना को लेकर प्रदेश सरकार ने चंबल के पानी के बेहतर प्रबंधन के लिए बांध निर्माण का बड़ा निर्णय लिया है. सरकार का दावा है कि इस बांध के माध्यम से 4 लाख 3 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. वहीं उद्योगों को 205 MCF और कृषि के लिए 2000 MCF पानी उपलब्ध कराया जाएगा. सरकार का कहना है कि कालीसिंध और चंबल के पानी को व्यर्थ बहने से रोककर 17 जिलों में इसका सदुपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा.
इधर, बांध निर्माण से प्रभावित होने वाले ग्रामीणों में नाराज़गी है. इसी विरोध को लेकर आज सवाई माधोपुर में महापंचायत का आवाहन किया गया, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया. ग्रामीणों का कहना है कि बांध से उनके गांव उजड़ जाएंगे और आजीविका प्रभावित होगी.
9 गांवों की 70 से 100 प्रतिशत आबादी विस्थापित होगी
सरकार की ओर से मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जवाहर सिंह बेढम और सुरेश सिंह रावत ने अपना पक्ष रखा. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि बांध निर्माण से 9 गांवों की 70 से 100 प्रतिशत आबादी विस्थापित होगी. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह संवेदनशील है और विस्थापितों के पुनर्वास के सभी प्रावधान सुनिश्चित किए जाएंगे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें हिंसक आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं. ग्रामीणों से उन्होंने अपील की कि वे किसी भी हिंसक और भड़काऊ साजिश से दूर रहें.

सपोटरा में डूंगरी बांध के विरोध में महापंचायत
मंत्री सुरेश सिह रावत ने क्या कहा ?
मंत्री सुरेश सिंह रावत ने डूंगरी बांध को अतिमहत्वपूर्ण योजना बताया. उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश के जल प्रबंधन को मजबूत करेगी और सभी प्रभावित परिवारों की जनसुनवाई कर उन्हें उचित पुनर्वास और सहायता प्रदान की जाएगी. रावत ने आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव मदद करेगी.
''कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं''
वहीं मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग बहरूपिये बनकर किसानों के बीच जा रहे हैं और उन्हें भड़का रहे हैं. बेढम ने किसानों से अपील की कि वे ऐसे बहरूपियों से सतर्क रहें और किसी के बहकावे में न आएं. डूंगरी बांध को लेकर सरकार और ग्रामीणों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार का दावा है कि परियोजना के साथ-साथ प्रभावित लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.