Rajasthan News: सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) से भागे ST-2402 बाघ को 4 दिन बाद वन विभाग ने अलवर के रैणी क्षेत्र से पकड़ लिया है. वो कल रात से चिल्की बास रोड पर बने एक घर की रसोई में छिपा हुआ था. शुक्रवार सुबह वन विभाग के अधिकारियों ने गाड़ी में बैठकर उसे ट्रेंकुलाइज कर लिया है. अब उसे सरिस्का वापस ले जाने की तैयारी की जा रही है. टाइगर के पकड़े जाने के बाद इलाके में कर्फ्यू जैसे हालात खत्म हो गए हैं. लोग खुश हैं और गाड़ी में बेहोश पड़े टाइगर को देखने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन वाली जगह आ रहे हैं.
टाइगर को ट्रेंकुलाइज कैसे किया?
डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया, 'हमें टाइगर के रसोई में बैठे होने की सूचना मिली थी. आज सुबह हम उसका रेस्क्यू करने के लिए टीम के साथ मौके पर पहुंचे. हमने दरवाजे पर गाड़ी लगाई और उसी में बैठकर टाइगर को बेहोश किया. इसके बाद टाइगर को गाड़ी में शिफ्ट किया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है.
टाइगर को कहां ले जाना है, इसके लिए सीनियर अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. अभी इसको सरिस्का लेकर जाएंगे और वहां छोड़ देंगे.'
3 दिन में 3 लोगों को किया था घायल
टाइगर को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज करने के बाद घरों में बंद लोग बाहर निकले और बेहोशी की हालत में पड़े टाइगर को देखने लगे. इस दौरान वे काफी खुश नजर आए. क्योंकि बीते 3 दिनों में उसने 3 लोगों को घायल कर दिया था. वन विभाग की टीम जिस गाड़ी में थी, उस पर भी हमला करके साइड मिरर तोड़ दिया था. हालांकि आज ऐसा कुछ नहीं हुआ. कोई घायल नहीं हुआ और टाइगर को पकड़ लिया गया. अब लोगों को टाइगर के आतंक से मुक्ति मिल गई है.
जयपुर में चल रहा घायलों का इलाज
बाघ मुहाखुर्द गांव में कोली मोहल्ले के पास एक गली में झाड़ियों के पास बैठा था. उगा महावर (45) सबसे पहले झाड़ियों की तरफ गई. इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, बाघ ने उसकी पीठ पर हमला कर दिया. महिला को बचाने के लिए विनोद मीणा (42) और बाबूलाल मीणा (48) हाथों में लाठियां लेकर पहुंचे तो बाघ ने उन पर भी हमला कर दिया. दौसा में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया.
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