Rajasthan Tiger Terror: राजस्थान का अलवर जिला सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) के लिए मशहूर है. हर साल यहां नए साल के मौके पर दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. लेकिन इस बार यहां नए साल की शुरुआत बिल्कुल अलग तरह से हुई. पहले तो 1 जनवरी को सरिस्का नेशनल पार्क बंद था क्योंकि यह बुधवार का दिन था जब वहां साप्ताहिक अवकाश होता है. मगर दूसरी बड़ी घटना ये हुई कि यहां से एक बाघ भाग गया जिसके बाद आस-पास के इलाके में दहशत फैल गई. ST-2402 नाम का यह बाघ भागकर पड़ोसी ज़िले दौसा में भी पहुंच गया और 1 जनवरी को उसने एक गांव में खेत में काम कर रहे तीन लोगों पर हमला भी कर दिया जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए.
वन विभाग ने अगले दिन बाघ को रेस्क्यू करने के लिए उसे खेतों में घेरने की कोशिश की लेकिन उसने उनकी एक जीप पर भी हमला कर दिया जिससे उसका कांच टूट गया. हालांकि कोई घायल नहीं हुआ. आखिरकार 4 दिन बाद शुक्रवार को बाघ को अलवर के रैणी क्षेत्र में पकड़ा जा सका जहां वह गुरुवार रात से एक घर की रसोई में छिपा हुआ था.वनकर्मियों ने उसे बेहोश कर गाड़ी में बंद किया और अब उसे सरिस्का भेजा जाएगा.
2024 में भागे 4 बाघ
- जनवरी - ST-2302
- फरवरी - ST-2303
- अगस्त - ST-24
- दिसंबर - ST-2305
नए साल के जश्न में डूबा था गांव, टाइगर के आने से मची अफरातफरी; लोगों पर किया हमला
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) January 1, 2025
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पिछले साल भी सरिस्का से भागे थे 4 बाघ
सरिस्का से हाल के समय में बाघों के भागने की यह पहली घटना नहीं है. पिछले साल भी सरिस्का से 4 बाघ भागे थे. पिछले साल भी जनवरी में ST-2302 नाम का एक बाघ भाग कर हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले में अरावली के इलाके में चला गया था.
इसके बाद अगस्त में एक और बाघ ST-2303 भागकर हरियाणा में झाबुआ के जंगलों में चला गया था. वहीं नवंबर में ST-24 नाम का एक बाघ भागकर राजस्थान के अजबगढ़ के जंगलों में चला गया था. वहीं दिसंबर में ST-2305 नाम का बाघ भागकर जयपुर के पास गांवों में पहुंच गया था.
बाघों के भागने की वजह
जानकारों का मानना है कि सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ रही है और इस वजह से बाघ अपने लिए नई टेरिटरी या नए इलाक़े खोजने के लिए वहां से बाहर चले जा रहे हैं. सरिस्का में अभी बाघों की संख्या 40 से ज़्यादा हो गई है. पिछले कुछ सालों में यहां बाघों की संख्या बढ़ी है. लेकिन सरिस्का का एक बड़ा इलाका बाघों के बसने के अनुकूल नहीं है क्योंकि वहां उनके भोजन के लिए पर्याप्त शिकार नहीं हैं. इस वजह से बाघ वहां से बाहर निकलने लगते हैं.
सरिस्का में पर्याप्त इंतज़ाम नहीं
बाघों के भागने की एक और वजह यह भी है कि सरिस्का टाइगर रिज़र्व में बाघों की ठीक से निगरानी नहीं हो पा रही है. वहां पार्क के क्षेत्रफल के हिसाब से वनकर्मियों की संख्या कम है.
सरिस्का में वनपालों के 20 पद स्वीकृत थे लेकिन इनकी संख्या घटाकर 12 कर दी गई है. इसी तरह यहां के अनुसंधान केंद्र पर भी कोई स्थायी रेंजर नियुक्त नहीं है. इन्हीं वजहों से सरिस्का के बाघों पर नज़र रखना मुश्किल हो जाता है और वह भाग जाते हैं.
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