
Tuberculosis Disease: राजस्थान को क्षय (टीबी) रोग मुक्त बनाने के लिए 25 जून से जारी एक अभियान के तहत अब तक 74 लाख (44 प्रतिशत) से अधिक लोगों की घर-घर जाकर जांच की जा चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग खोज अभियान के तहत 1.67 करोड़ लोगों की जांच की जानी है और अब तक की जांच में 2,35,054 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि इन लोगों से नमूने लेकर पुष्टि के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में भेजा गया है.
एक बयान के अनुसार, जांच अभियान 21 जुलाई तक जारी रहेगा और इस अभियान का उद्देश्य टीबी के छिपे मामलों की शीघ्र पहचान कर समय पर निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराना है.
घर-घर जाकर जांच की जा रही
बयान में बताया गया कि अभियान के तहत एचआईवी से ग्रस्त लोग, मधुमेह रोगी, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग, कुपोषित व्यक्ति, धूम्रपान/मद्यपान करने वाले, प्रवासी श्रमिक, आदिवासी समुदाय, पूर्व टीबी रोगी तथा खनन एवं निर्माण स्थलों, जेलों एवं शहरी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की घर-घर जाकर जांच की जा रही है. बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री के सतत पर्यवेक्षण में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत वर्ष 2024 में 3,350 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया, जिससे समुदाय स्तर पर जागरूकता और भागीदारी में वृद्धि हुई.
बता दें, इस अभियान में राजस्थान देशभर में तीसरे स्थान पर रहा है.
अभियान के तहत अब तक 35,117 निक्षय मित्र पंजीकृत हो चुके हैं, जो टीबी मरीजों को पोषण, मानसिक सहयोग और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशानुसार जिला और ब्लॉक स्तर पर नाट मशीन (629) माइक्रोस्कोपी, एक्स-रे मशीन, लैब तकनीशियन आदि की क्षमता वृद्धि के प्रयास किए गए हैं.