
Trinetra Ganesh Mela: रास्थान के सवाई माधोपुर के रणथंभौर दुर्ग में स्थित त्रिनेत्र मंदिर (Trinetra Temple) को बीते महीने यानी जुलाई में श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है. त्रिनेत्र मंदिर में ही एक बाघिन (Tiger Attack) ने मासूम को मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद सुरक्षा को देखते हुए इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. वहीं एक महीने बाद यानी जुलाई में मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था. हालांकि इस बीच सभी को सतर्क रहने के लिए कहा गाय था. वहीं अब यहां त्रिनेत्र गणेश मेले का आगाज होने वाला है. 26 अगस्त को इसकी शुरुआत होगी जो तीन दिवसीय मेला होगा. लेकिन इस मेले के लिए प्रशासन द्वारा कड़े इंतजाम किए गए हैं. यह मेला 26 अगस्त से शुरू होगा और तीन दिन चलेगा.मुख्य मेला 27 अगस्त को होगा.
वहीं यहां भारी बरसात से क्षतिग्रस्त हुए त्रिनेत्र गणेश मार्ग को जिला प्रशासन एवं वन प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए दुरस्त किया गया है. मेले में आने वाले श्रद्धालुओें की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने 1500 पुलिस अधिकारी व जवानों का जाप्ता तैनात किया है. जिले में बरसात का जोर है, ऐसे में जिला कलेक्टर कानाराम एवं पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल ने भगवान त्रिनेत्र गणेश के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं से प्रशासन की गाइड लाइन की पालना करने का आह्वान किया है.
परिक्रमा मार्ग सिर्फ दिन में रहेगा खुला
श्रद्धालुओं की मंशा के अनुसार सोमवार को शाम चार बजे तक भगवान गणेश के दर्शन करने की अनुमति जारी की गई है. गणेश मेले में पर्याप्त पुलिस जाप्ता लगाया जाएगा. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पानी वाली जगहों पर जगह-जगह बेरिकेडिंग की गई है. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की हाल की गतिविधियों को देखते हुए वन क्षेत्र में बेरिकेटिंग, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा गार्ड तैनात कर खण्डार, बोदल, उलियाणा से आने वाले अवैध रास्तों को पूर्णतः बंद किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित मार्ग से ही मंदिर पहुंचें. उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि मुख्य मार्ग से ही दुर्ग में समूह में प्रवेश करें. परिक्रमा मार्ग में सिर्फ दिन में ही प्रवेश दिया जाएगा. परिक्रमा मार्ग का भी समूह में ही श्रद्धालु उपयोग करें.

1500 पुलिसकर्मी अलग-अलग यूनिट में रहेंगे तैनात
मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं मेला व्यवस्था को लेकर पुलिस अधीक्षक अनील कुमार बेनीवाल ने 1500 का पुलिस जाप्ता लगाया है और 5 आरएसी की कम्पनी तैनात की है. दस भाग में 1500 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी लगाए गए हैं. इनमें 9 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 14 पुलिस उपाधीक्षक रैंक के पुलिस अधिकारी शामिल हैं. 5 आरएसी कम्पनी, 150 होमगार्ड, 150 पुलिस मित्र, 25 स्थाई चौकियां बनाई गई है तथा 10 मोबाइल यूनिट तैनात की गई है.
यात्रियों को मात्र 10 रुपए किराया
एसपी ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि अनावश्यक रूप से परिक्रमा मार्ग का उपयोग नहीं करें. रविवार को भी परिक्रमा मार्ग में बाघ के पगमार्क देखे गए हैं. श्रद्धालु प्रशासन की गाइड लाइन की पालना कर व्यवस्थाओं में सहयोग करें. कलेक्टर ने यात्रियों के लिए परिवहन व्यवस्था मजबूत करने के लिए रोडवेज अधिकारियों को अतिरिक्त बसें लगाने और ओवरलोडिंग पर रोक के निर्देश दिए. रेलवे स्टेशन से मेला पार्किंग स्थल तक 20 रुपए किराए पर 50 प्रतिशत रियायत लागू की जाएगी, जिससे यात्रियों को मात्र 10 रुपए किराया देना होगा. यह सूचना सभी बसों पर चस्पा करने के निर्देश दिए गए.
सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
रणथम्भौर दुर्ग क्षेत्र, जोगी महल से गणेशधाम सहित सम्पूर्ण मैला परिसर में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने, साइलेंट जनरेटर लगाने और बारिश के दौरान करंट हादसों से बचाव के लिए पुख्ता इंतज़ाम होंगे. मेले में साफ-सफाई के लिए सभी सफाई कर्मियों को रिफलेक्टर जैकेट पहनने होंगे. मंदिर परिसर व भण्डारे स्थलों पर डस्टबिन रखे जाएंगे, अस्थाई एवं मोबाइल शौचालय भी लगाए जाएंगे. मेले के दौरान जलभराव वाले स्थानों पर गोताखोर एवं SDRF की टीमें तैनात रहेंगी. चौकसी के लिए पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम एवं चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे. चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी.
भण्डारे केवल निर्धारित स्थलों पर
जिला कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मेले में सिंगल यूज़ प्लास्टिक सामग्री जैसे पॉलिथीन, डिस्पोजल कप-प्लेट, चम्मच आदि पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. भण्डारे केवल निर्धारित स्थलों पर ही लगाए जाएंगे. नगर परिषद क्षेत्र में होटल राज पैलेस से सरस डेयरी, डोसा कार्नर तय एवं पंचायत क्षेत्र में भण्डारे पार्क सीमा से बाहर हेलीपेड से मेन रोड के मध्य खाली भूमि पर ही लगाए जा सकेंगे. अमानक सामग्री (प्लास्टिक कप, पॉलिथीन आदि) तथा कमर्शियल गैस सिलेंडर के उपयोग पर सख्त रोक रहेगी.
मंदिर परिसर में 24 घंटे सक्रिय नियंत्रण कक्ष
मेला क्षेत्र में चिकित्सा टीमों की 8-8 घंटे की पारियों में ड्यूटी रहेगी तथा एम्बुलेंस भी तैनात की जाएगी. खाद्य निरीक्षक और रसद विभाग की टीमें मिलावटी और सड़े-गले खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए निगरानी रखेंगी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला रसद अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि भण्डारों में गुणवत्तापूर्ण भोजन वितरित हो. गणेशधाम तिराहे एवं रणथम्भौर दुर्ग स्थित मंदिर परिसर में 24 घंटे सक्रिय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं.
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