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3 दिन में दो छात्रों ने की खुदकुशी; कोटा सुसाइड मामले में DM ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, कोचिंग संस्थान को नोटिस

Kota Suicide Case: कोचिंग सिटी कोटा में तीन दिन में दो कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. गुरुवार को दूसरे छात्र की सुसाइड की खबर सामने आने के कुछ ही देर बाद कोटा कलेक्टर एमपी मीणा ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. जिसमें सुसाइड की घटनाओं पर चर्चा के बाद कोचिंग संस्थानों को नोटिस किया गया.

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3 दिन में दो छात्रों ने की खुदकुशी; कोटा सुसाइड मामले में DM ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, कोचिंग संस्थान को नोटिस
कोटा में छात्रों के सुसाइड मामले पर आपात बैठक में मौजूद अधिकारी.

Kota Suicide Case: मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए पूरे देश में कोचिंग सिटी के रूप में मशहूर कोटा में फिर से छात्रों की सुसाइड का मामला गरमाने लगा है. यहां बीते तीन दिन में यहां दो कोचिंग स्टूडेंटों ने सुसाइड किया है. जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप जैसी स्थिति है. इस बीच गुरुवार को दूसरे सुसाइड की घटना सामने आने के बाद डीएम एमपी मीणा ने तत्काल एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. जिसमें सभी संबंधित नोडल पदाधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में सुसाइड की घटनाओं पर चर्चा की गई. साथ ही कोचिंग संस्थानों को नोटिस किया गया. कोटा कलेक्टर ने नोडल अधिकारी से भी 2 दिन में रिपोर्ट मांगी है. बैठक में एसपी ने कहा कि जांच में लापरवाही मिली तो कोचिंग संस्थान और हॉस्टल संचालक के खिलाफ करवाई होगी. 

मालूम हो कि साल 2023 में कोटा में अब तक 29 स्टूडेंट सुसाइड कर चुके हैं. यहां पिछले तीन दिनों में एक गर्ल्स और एक बॉयज स्टूडेंट ने मौत को गले लगाया. उसके बाद जिला कलेक्टर एमपी मीणा ने कोचिंग छात्रा के सुसाइड केस के बाद कोचिंग संस्थान और हॉस्टल एसोसिएशन प्रतिनिधियों की आपात बैठक कलेक्ट्रेट में बुलाई. बैठक में ही जिला कलक्टर एमपी मीणा ने लापरवाह पाए जाने पर निजी कोचिंग संस्थान को नोटिस थमाया. 3 दिन में जवाब तलब करने के आदेश जारी किए.

एसपी बोले- लापरवाही मिलने पर कोचिंग संस्थानों पर होगी कार्रवाई

बैठक के बाद कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने मीडिया से कहा- कलेक्टर ने कोचिंग संस्थान को नोटिस जारी कर दिया. जांच में अगर कोचिंग संस्थान हॉस्टल संचालक दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. जिस हॉस्टल में छात्रा रहती थी, उसमें हैंगिंग डिवाइस नहीं मिली. यह बात हॉस्टल संचालक ने कबूल की. एसपी शरद चौधरी ने कहा कि जिला कलेक्टर ने मीटिंग लेते हुए समीक्षा की. राजस्थान सरकार की गाइडलाइन की पालन के निर्देश तमाम कोचिंग संस्थान और हॉस्टल एसोसिएशन के पदाधिकारियो को दिए हैं. 

दूसरी ओर बुधवार रात सुसाइड करने वाली उत्तर प्रदेश के औरैया की रहने वाली निशा यादव के परिजन गुरुवार को कोटा पहुंचे. कोटा पुलिस ने निशा यादव के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया. पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है. कलेक्टर ने नोडल अधिकारी को दो दिन में पूरे मामले की जांच का रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

सुसाइड करने वाली छात्रा निशा के पिता ने क्या कुछ कहा

मीडिया से बातचीत करते हुए मृतक छात्रा निशा यादव के पिता ओसान सिंह ने कहा की बेटी किसी भी तरह की टेंशन में नहीं थी. वह पढ़ाई में होनहार थी. अपनी इच्छा से अपनी जिद से वह मई माह में कोटा पढ़ने को आई थी. उसके कोचिंग टेस्ट में भी 715 अंक आए थे. पहले वह ऑनलाइन पढ़ाई करती थी. NEET एग्जाम का एक अटेम्प्ट वह पहले दे चुकी है और उसमें 403 अंक उसने प्राप्त किए थे. 

निशा के पिता ने कहा कि उसके बाद ही उसने कोटा में पढ़ाई करने का मन बनाया था. यहां का आकार वह पढ़ाई कर रही थी. पिता ने यह भी बताया की बेटी के दिमागी बीमारी थी. उससे वह तंग थी, क्या कारण सुसाइड करने के रहे पिता अभी ज्यादा कुछ स्पष्ट नहीं बता पाए हैं. यह पूरा मामला जांच का है.

प्रशासन का दावा- हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं

लगातार 3 दिन में दो सुसाइड केस कोटा में होने के बाद कलेक्टर एमपी मीणा का रुख कोचिंग संस्थानों के खिलाफ सख्त नजर आ रहा है. पहले कलेक्टर एमपी मीणा ने पश्चिम बंगाल के मृतक स्टूडेंट फोरीद हुसैन के केस के बाद लापरवाह मानते हुए निजी कोचिंग संस्थान को नोटिस थमाया था. 3 दिन में जवाब तलब किया था. ऐसी ही कार्रवाई कोचिंग संस्थान जिसमें निशा यादव पढ़ती थी उसे भी आज नोटिस थमा दिया था, तो कह सकते हैं कि जिला प्रशासन राजस्थान सरकार की गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए और उसमें लापरवाही बरतने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जिला प्रशासन कर रहा है.

हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष बोले- पीजी का आंकड़ा जमा किया जाए

आपात बैठक में पहुंचे कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने जिला प्रशासन को सुझाव दिया कि कोटा में संचालित होने वाले पीजी का आंकड़ा कलेक्ट किया जाए. उनका एक संगठन गठित करवाया जाए, ताकि उस पर जिला प्रशासन की सरकार की निगरानी रहे, जो अब तक नहीं है. नवीन मित्तल ने यह भी कहा कि कोटा में संचालित होने वाले करीब 90 फीसदी हॉस्टल में हैंगिंग डिवाइस लगाई जा चुकी है. उसके बेहतर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। लेकिन जो पीजी संचालित हो रहे हैं उनमें हैंगिंग डिवाइस नहीं है और इस वजह से कोचिंग छात्र जो है वह इस तरह के कदम उठा रहे है.

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