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मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अधिकारियों को लगाई फटकार, कहा- पद को दिमाग में मत घुसने दीजिए... बिगड़ सकता है दिमाग

राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिला स्तरीय जनसुनवाई की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को विनम्रता, ईमानदारी और जिम्मेदारी से काम करने की सलाह दी. 

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अधिकारियों को लगाई फटकार, कहा- पद को दिमाग में मत घुसने दीजिए... बिगड़ सकता है दिमाग
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिला स्तरीय जनसुनवाई की.

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. उन्होंने अधिकारियों को विनम्र रहने, जनता और सहकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार करने और अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाने की सलाह दी. उनकी बातों ने न केवल अधिकारियों को प्रेरित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक अच्छा इंसान बनने से बेहतर अधिकारी बना जा सकता है.

'पद को दिमाग में न चढ़ने दें'

मुख्य सचिव ने कहा कि आप भले ही बड़े पद पर हों, लेकिन पद को अपने दिमाग में हावी न होने दें. "पद आज है, कल नहीं रहेगा. इसलिए हमेशा विनम्र रहें. कई बार हमें लगता है कि हम बहुत बड़े अधिकारी बन गए हैं, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि इस ब्रह्मांड के रचयिता के सामने हम कुछ भी नहीं हैं." उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि वे अपने काम को पूरी मेहनत और ईमानदारी से करें, क्योंकि गलत रास्ता चुनना आसान है, लेकिन सही रास्ता ही शांति और संतुष्टि देता है.

'अच्छा इंसान बनें, अच्छा अधिकारी बन जाएंगे'

पंत ने जोर देकर कहा कि अच्छा अधिकारी बनने से पहले अच्छा इंसान बनना जरूरी है. "हम में से कोई भी पूर्ण नहीं है. सबमें कुछ न कुछ कमियां होती हैं, लेकिन समय-समय पर अपनी कमियों को पहचानकर सुधारने की कोशिश करें. अगर आप अच्छे इंसान बन जाएंगे, तो अपने आप अच्छे अधिकारी भी बन जाएंगे." उनकी यह बात अधिकारियों के लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आई.

'महिला अधिकारियों के प्रति सम्मान जरूरी'

मुख्य सचिव ने महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति सम्मान की बात पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी महिला सहकर्मियों के प्रति दुर्व्यवहार या अमर्यादित टिप्पणी करता पाया गया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. "राज्य सरकार ने इस तरह के मामलों में पहले भी सख्त कार्रवाई की है, जिसमें कई बड़े अधिकारियों को सेवा से हटाया जा चुका है." यह बयान दर्शाता है कि सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है.

'मीडिया और सोशल मीडिया का करें उपयोग'

पंत ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और कार्यों को मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाएं. "हमें अपनी नहीं, बल्कि अपने काम की और सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करनी है. सफलता की कहानियां लोगों तक पहुंचाएं, ताकि जनता को पता चले कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है."

'स्वास्थ्य का रखें ध्यान'

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी. "अगर आप स्वस्थ और स्थिर रहेंगे, तभी अच्छा काम कर पाएंगे. रोजाना कुछ समय अपनी सेहत के लिए निकालें." यह संदेश न केवल अधिकारियों, बल्कि हर व्यक्ति के लिए प्रासंगिक है.

'15 दिन में निपटाएं जनता की शिकायतें'

जनसुनवाई में जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बताया कि कुल 117 शिकायतें आईं, जिनमें से ज्यादातर का मौके पर ही समाधान किया गया. चार शिकायतों को विजिलेंस में भेजा गया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संपर्क पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का समाधान 15 दिन के अंदर करें. बीकानेर में शिकायतों के निपटारे का औसत समय 17 दिन है, जिसे और कम करने की जरूरत है.

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