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5 वर्षों में उदयपुर, जोधपुर कई एयरपोर्ट्स में हुआ 96,000 करोड़ रुपए का निवेश, 2019 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

Rajasthan: पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) ने हवाई यातायात में वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए देश में हवाई अड्डों के विकास, अपग्रेड और आधुनिकीकरण पर खर्च किया है.

5 वर्षों में उदयपुर, जोधपुर कई एयरपोर्ट्स में हुआ 96,000 करोड़ रुपए का निवेश, 2019 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

Udaipur & Jodhpur Airport Development Project: पिछले 5 वर्षों में भारत के एयरपोर्ट्स में 96,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है. उदयपुर, जोधपुर एयरपोर्ट के अलावा मैंगलोर, कोलकाता, पोर्ट ब्लेयर और सूरत, तिरुचिरापल्ली, कोल्हापुर, जबलपुर, ग्वालियर, राजकोट, लेह, हुबली, इंफाल, राजमुंदरी, बेलगावी, शिवमोग्गा, विजयपुरा, हसन, प्रयागराज, तूतीकोरिन, रीवा, सतना और दतिया में हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण और विस्तार परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं. विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया था कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) ने हवाई यातायात में वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए देश में हवाई अड्डों के विकास, अपग्रेड और आधुनिकीकरण पर खर्च किया है.

वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 96,000 करोड़ रुपए से अधिक पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) किया है. इस निवेश में से एएआई का हिस्सा 25,000 करोड़ रुपए से थोड़ा अधिक है. वहीं, बाकी का निवेश निजी एयरपोर्ट डेवलपर्स/ऑपरेटर्स की ओर से किया गया है.

इन सुविधाओं के लिए किया गया निवेश

यह निवेश नए हवाई अड्डों, मौजूदा टर्मिनलों के विस्तार और मरम्मत, नई यात्री सुविधाओं को जोड़ने, नए टर्मिनलों, मौजूदा रनवे, एप्रन के विस्तार और सुदृढ़ीकरण और कंट्रोल टावर व तकनीकी ब्लॉक जैसे एयर नेविगेशन सेवाओं (एएनएस) के कार्यों में किया गया है.

इसके अलावा, आरसीएस-उड़ान के दूसरे चरण में 2023-24 से 2025-26 की अवधि के दौरान अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स, जल हवाई अड्डों और एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स के पुनरुद्धार के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

हवाई अड्डों का अपग्रेड और आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया- केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हवाई अड्डों का अपग्रेड और आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया है और एएआई एवं अन्य निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा समय-समय पर भूमि की उपलब्धता, व्यावसायिक व्यवहार्यता, सामाजिक-आर्थिक पहलुओं, यातायात की मांग और एयरलाइनों की हवाई अड्डों से उड़ान भरने की इच्छा के आधार पर यह कार्य किया जाता है.

वित्त वर्ष 2019-20 से एएआई और अन्य निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स/ डेवलपर्स द्वारा देश भर के कई हवाई अड्डों पर हवाई अड्डा परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, गुवाहाटी, अहमदाबाद, मोपा, नवी मुंबई, नोएडा (जेवर), भोगपुरम, अयोध्या, कुशीनगर, सिंधुदुर्ग, होलोंगी, धोलेरा, देहरादून, अगरतला, पटना, विजयवाड़ा, देवघर, अमृतसर, चेन्नई और तिरुपति शामिल हैं.

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