
Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर शहर में आज भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी. इस यात्रा में उदयपुर शहर के अलावा आसपास के गांवों से हजारों भक्तगण शामिल होंगे. खास बात है कि यहां यात्रा शुरू होने से पहले 21 बंदूकों की सलामी दी जाती है. यहां भगवान को राजसी ठाट-बाट के साथ सजा-धजा कर 80 KG चांदी से बने रथ में बैठाया जाता है और पारंपरिक वेशभूषा पहने भक्तगण उसे रस्सी से खींचते हैं. भगवान जगन्नाथ के इस मनमोहक स्वरूप के अद्भुत दर्शन का लाभ लेने के लिए सड़कों पर जाम जैसी स्थिति बन जाती है.
80 किलो चांदी का रथ, शिखर पर सोने का छत्र

भगवान जगन्नाथ के पुराने रथ को बिना किसी नुकसान के नए रूप में बनाया गया गया है. पहले 49.700 KG चांदी से रथ बना था, लेकिन अब इसमें 30 किलो चांदी को और जोड़ा गया. यानी रथ को बनाने के लिए अब कुल 80 किलो चांदी का इस्तेमाल हुआ है. इसके साथ ही रथ के शिखर पर सोने का छत्र है. इस रथ को पिछले साल दो महीने की लगातार मेहनत से तैयार किया गया था. भगवान के सिंहासन को यथावत रखा गया है. नए खम्भों पर हैदराबादी नक्काशी की गई है और रथ के शिखर के कलश पर सोने का वर्क किया गया है.
21 बंदूकों की सलामी के बाद शुरू होती है रथ यात्रा

रथ यात्रा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र श्रीमाली ने बताया, 'उदयपुर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा जगदीश मंदिर पर 21 बंदूकों की सलामी के साथ निकलती है. रथ को समिति के सदस्य बारी-बारी से खींचते हैं. इसमें करीब 150 सदस्यों की एक टीम यह काम करती है. इसके साथ ही यात्रा में शामिल होने वाले भक्त भी सहयोग करते हैं. सभी भक्त पारंपरिक ड्रेस- सफेद कुर्ता, पायजामा, धोती, अंगरखी सिर पर पाग धारण किए होते हैं. विशाल रथ यात्रा में अलग-अलग झांकियां को भी शामिल किया जाता है. पूरे शहर का चक्कर लगाकर रथ यात्रा पुनः जगदीश मंदिर आती है, जहां पर भगवान जगन्नाथ की महाआरती होती है. इस दौरान सड़कें जाम हो जाती हैं. हजारों की संख्या में श्रद्धालु यात्रा में शामिल होते हैं और भगवान का दर्शन कर आर्शीवाद लेते हैं.'
'12 बैंड की प्रस्तुति और 21 सुसज्जि झाकियां'

जगन्नाथ रथ यात्रा समिति उदयपुर के प्रवक्ता ने आगे कहा, 'जो लोग स्वागत द्वार लगाना चाहते हैं, वे 21 फीट ऊंचा द्वार बनाएं. क्योंकि, चांदी के रथ की लंबाई 16 फीट, चौड़ाई 8 फीट और ऊंचाई 21 फीट रहेगी. इसमें अर्बुदा हैंडीक्राफ्ट के गोपाल सुथार ने और चांदी का काम चौहान हैंडीक्राफ्ट के महेश और कमल ने किया है. रथयात्रा में 12 बैंड मधुर धुन बिखेरते हुए चलेंगे. वहीं सैकड़ों महिलाएं सिर पर कलश लेकर मंगल गीत गाती हुई चलेंगी. रथ यात्रा में विभिन्न समाजों संगठनों की ओर से मनमोहन आकर्षित सुसज्जित 21 झांकियां चलेगी. रथयात्रा के साथ चलने वाली महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा यानी केसरिया साड़ी पहनी नजर आएंगी.'
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