Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन जारी है. आज सुबह 11 बजे शुरू हुई विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विधायकों ने कई सवाल पूछे. इस दौरान जयपुर की मालवीय नगर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार से परिवहन के साधनों को निजी हाथों में देने का सवाल उठाया. कालीचरण ने जयपुर में बढ़ते ईरिक्शा की संख्या पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इससे जयपुर में जाम की समस्या बढ़ रही है.
''क्या सारे परिवहन को ही निजी हाथों में भेज देंगे''
पूरक सवाल पूछते हुए कालीचरण ने कहा कि मंत्री जी ने 43 मार्गों पर 2424 नई बसों के परमिट जारी किये गए हैं, 41913 ऑटो रिक्शा और करीब 45500 ईरिक्शा के परमिट जारी किये हैं. इससे तो क्या सारे परिवहन को ही निजी हाथों में भेज देंगे, पूरे जयपुर में इनकी वजह से जाम रहता है.
कालीचरण ने नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा से पूछा कि क्या सरकार जयपुर में सरकारी मानकों के हिसाब से 2400 सरकारी बसें चलाने क्या विचार है कि नही? इस पर मंत्री खर्रा ने कहा कि इस बार राजस्थान में महाराष्ट्र का मॉडल लागू किया जायेगा. सरकार बसें खरीदेगी नहीं.
राजस्थान में लागू होगा महाराष्ट्र मॉडल- मंत्री
खर्रा ने कहा हमारी कुछ कंपनियों से बात चल रही है जो EV और CNG बसें रखती हैं और वो विभिन्न नगर निकायों को किराए पर दे रखा है. इसमें न्यूनतम किलोमीटर के आधार पर उनको भुगतान करना पड़ता है. ड्राइवर और सारा रखरखाव उन्हीं का होता है. हम बस अपना कंडक्टर रखेंगे और आय अर्जित करेंगे.
मंत्री खर्रा के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री जी आप ऐसा कर दो कि सरकार एक आदमी को बैठा दे लोग वहां से टिकट ले और जाकर प्राइवेट बसों में यात्रा करले. जूली ने कहा कि सरकार खुद कुछ करना ही नहीं चाहती, वो सारा सिस्टम निजी हाथों में देना चाहती है.
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