
Rajasthan News: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को रेवदर के सिंगारली खेड़ा में आंजनी माता मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत की. 19 मिनट के प्रभावी भाषण में उन्होंने धर्म, संस्कृति, शिक्षा और राजनीति पर बात की. राजे का भव्य स्वागत 11 किलो की माला, चुनरी और तलवार भेंट कर किया गया.
आंजनी माता से गहरा जुड़ाव
राजे ने कहा कि आंजनी माता मंदिर का संबंध माउंट आबू की अर्बुदा देवी से है. उनके गुरु महाराज ने अर्बुदा देवी के यहां लंबी तपस्या की थी, जिसके कारण उनका इस क्षेत्र से विशेष लगाव है. उन्होंने जोर दिया कि समय के साथ आगे बढ़ना जरूरी है, लेकिन अपनी संस्कृति और परंपराओं को भी संजोए रखना चाहिए.
राजे ने कहा -
“गमों की आँच पर आंसू उबालकर देखो,
बनेंगे रंग किसी पर भी डाल कर देखो,
तुम्हारे दिल की चुभन जरूर कम होगी,
किसी के पांव से कांटा निकाल कर तो देखो...”
सनातन धर्म और मानवता की बात
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदू धर्म का एक बड़ा प्रयोग है. सनातन धर्म मानवता को जोड़ता है और देश को गौरवशाली बनाने की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि भगवान की सच्ची पूजा मानव सेवा से होती है. राजे ने सभी से जाति की सीमाओं को तोड़कर एकजुट होकर आगे बढ़ने की अपील की.
महिलाओं और बच्चों को प्रेरणा
राजे ने महिलाओं से अपने बच्चों, खासकर बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अपनों से रिश्ते अनमोल होते हैं. राजे ने सिरोही की तारीफ करते हुए कहा कि यह जिला तलवार बनाना और उसे म्यान में रखना दोनों जानता है. उन्होंने एक कविता के जरिए सेवा का संदेश दिया, जिसमें किसी के दुख को कम करने की बात कही.
राजनीति में 25 साल का अनुभव
राजे ने अपने 25 साल के राजनीतिक सफर को याद करते हुए कहा कि उतार-चढ़ाव आए, लेकिन जनता का साथ उनकी ढाल बना. उन्होंने सिरोही को अपना प्रिय जिला बताया और कहा कि जनता ने जो मांगा, वह देने की कोशिश की.
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
समारोह में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद लुंबाराम चौधरी, विधायक समाराम गरासिया, जीवाराम चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी, जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित, जिला कलक्टर अल्पा चौधरी और पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल समेत कई नेता और अधिकारी मौजूद थे.
नई ऊंचाइयों की ओर राजस्थान
राजे ने सभी से अपने परिवारों को मजबूत कर राजस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का आह्वान किया. उनका यह दौरा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता और विकास के संदेश के लिए भी याद किया जाएगा.
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