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This Article is From May 19, 2024

मोती महल बेचने के आरोप पर विश्वेन्द्र सिंह की आई प्रतिक्रिया, कहा- 'आखिरी सांस तक बिकने नहीं दूंगा'

विश्वेन्द्र सिंह का कहना है कि उन पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं पूरी तरह से झूठ है. वह मोती महल को बेचना नहीं चाहते हैं. उन्होंने मोती महल को विरासत बताया है.

मोती महल बेचने के आरोप पर विश्वेन्द्र सिंह की आई प्रतिक्रिया, कहा- 'आखिरी सांस तक बिकने नहीं दूंगा'

Vishvendra Singh: भरतपुर की रियासत से जुड़ी मोती महल का मामला अब सामने आया है. विश्वेन्द्र सिंह के परिवार में कलह को लेकर बात शुरू हुई तो पहले विश्वेंद्र सिंह ने पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट और खाना न देने का आरोप लगाया था. वहीं इसके बाद पत्नी और बेटे ने विश्वेन्द्र सिंह पर आरोप लगाया कि वह सभी चीजें बेच रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि वह मोती महल को भी बेचना चाहते हैं. अब इस आरोप पर विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

विश्वेन्द्र सिंह का कहना है कि उन पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं पूरी तरह से झूठ है. वह मोती महल को बेचना नहीं चाहते हैं. उन्होंने मोती महल को विरासत बताया है.

विश्वेन्द्र सिंह ने मोती महल को लेकर क्या कहा

विश्वेन्द्र सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए पत्नी और बेटे के मोती महल के बेचने वाले आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, मोती महल जो सम्पूर्ण भरतपुर जिले की ऐतिहासिक विरासत है उसको बेचने के जो आरोप मेरी पत्नी और बेटे के द्वारा मेरे ऊपर लगाए जा रहे हैं, वो सरासर झूठे और निराधार हैं, इस ऐतिहासिक विरासत को बेचने की मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता. मोती महल जो राजपरिवार एवं भरतपुर जिले की पहचान है उस ऐतिहासिक विरासत की एक इंच जमीन भी मेरी आखिरी सांस तक बेचने नहीं दूंगा.

मोती महल का पट्टा रानी दिव्या सिंह के नाम

दिव्या सिंह और अनिरुद्ध सिंह ने विश्वेन्द्र सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने सारी प्रॉपर्टी बेच दी है. उन्होंने डॉक्यूमेंट पर हमारे फर्जी सिग्नेचर भी कराए हैं. एक मोती महल है, जिसे बेचना चाहते थे और उसे बचाने के लिए यह पूरा मामला बना है. मोती महल महारानी दिव्या सिंह के नाम है और उनके नाम से पट्टा भी है. उन्होंने कहा कि महाराजा विश्वेंद्र सिंह को हमने लोगों से मिलने से नहीं रोका है.  उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर जाकर के देख सकते हैं. वह लोगों से मुलाकात करते हैं. और उन्होंने जो मारपीट के आरोप लगाए हैं, उसे समय गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. उनके साथ कैसे मारपीट हो सकती है. अगर मारपीट होती तो पुलिस में भी मामला दर्ज होता. वह खुद ही 3 साल में महल नहीं आए. हम लोगों की पर्सनल लाइफ है. हम लोगों के फाइनेंस सक्सेज से दिक्कत है, तो हम कुछ नहीं कर सकते. 

विश्वेन्द्र सिंह का आरोप

विश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि पत्नी और बेटे उनके कपड़े फाड़कर कुएं में फेंक दिए. कपड़ों का जला दिया. कागजात के रिकॉर्ड आदि फाड़ दिए. गाली-गलौज कर कमरों से सामान बाहर फेंक दिया. चाय-पानी बंद करा दिया. खाना भी अधूरा ही छोड़ दिया. विश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले लोगों को उनसे मिलने तक नहीं दिया जाता. बिना अनुमति क बाहर आना-जाना भी बंद कर दिया. ड्राइवर भी हटा दिया गया. उन्होंने जान का खतरा बताया. उन्होंने पत्नी-बेटे पर संपत्ति हड़पने के प्रयास का आरोप लगाया. विश्वेंद्र सिंह ने परिवाद में कहा कि उनके साथ मारपीट हुई और एक कमरे तक में सीमित कर दिया गया था. गार्ड से भी दुर्व्यवहार किया गया. इसकी वजह से उन्हें घर छोड़कर जाना पड़ा. 

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